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ब्लॉग: दुनिया में शाकाहार का बढ़ने लगा है चलन

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: November 1, 2023 10:54 IST

अमेरिकन कॉलेज ऑफ कॉर्डियोलॉजी की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वस्थ रहना हो तो शाकाहारी बनिए।

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ठळक मुद्देअमेरिकन कॉलेज ऑफ कॉर्डियोलॉजी ने कहा कि स्वस्थ रहना हो तो शाकाहारी बनिएकहा तो यह भी गया था कि कोरोना वायरस चमगादड़ के सूप या मांस के सेवन से इंसानों में फैलादुनिया के शीर्ष चिकित्साविदों का भी मानना है कि आम भारतीयों का पेट सेहतमंद है

अमेरिकन कॉलेज ऑफ कॉर्डियोलॉजी की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वस्थ रहना हो तो शाकाहारी बनिए। कहा तो यह भी गया था कि कोरोना वायरस चमगादड़ के सूप या मांस के सेवन से इंसानों में फैला।

एक अन्य शोध में जिसमें 33 देशों के कुल 76 हजार लोगों पर एक सर्वे तकरीबन सन्‌ 2015 से 2020 तक किया गया, के परिणामों से पता चला है कि बाकी देशों के मुकाबले हमारे देश में पेट की बीमारियों की दर बहुत कम है।

दुनिया के शीर्ष चिकित्साविदों का भी मानना है कि आम भारतीयों का पेट सेहतमंद है। इसीलिए भारत कोरोना महामारी से जल्दी ही उबरा। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन अब शाकाहारी अंडों के उत्पादन में दिलचस्पी ले रहा है। कोरोना फैलने के बाद इसकी मांग में तेजी आई है।

सन् 2018 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में लोग शाकाहार की तरफ बढ़ रहे है। यहां अब जगह-जगह वेजिटेरियन रेस्तरां दिखने लगे हैं। यही नहीं, 2018 में चीन में पहला शुद्ध शाकाहारी महोत्सव आयोजित किया गया था जिसमें 10 हजार से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया था। वहां खासकर युवा पीढ़ी को अधिक स्वास्थ्य और पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल जीवन शैली लुभा रही है।

भारत शाकाहार का जन्मस्थल रहा है। मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि धरती पर जीवन को बनाए रखने में कोई भी चीज मनुष्य को इतना फायदा नहीं पहुंचाएगी जितना कि शाकाहार का विकास।

‘फ्रेंड्स ऑफ अर्थ’ नामक संस्था के मुताबिक दुनिया भर में 50 करोड़ लोग पूरी तरह से शाकाहारी हैं। भारत की तकरीबन 31 फीसदी आबादी शाकाहारी है। दुनिया में तीन तरह का भोजन करने वाले लोग हैं। पहले वे जो मांसाहारी हैं। दूसरे वे जो शाकाहारी हैं। तीसरे वे जो वीगन हैं अर्थात शाकाहारी होने के साथ ही जानवरों से प्राप्त होने उत्पाद, जैसे दूध पनीर आदि का सेवन भी नहीं करते।

अमेरिका की नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस की स्टडी के मुताबिक अगर शाकाहार को भोजन में ज्यादा से ज्यादा जगह दी जाए तो दुनिया में हर साल होने वाली 50 लाख मौतों को टाला जा सकता है।

कुछ समय पहले संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जलवायु परिवर्तन को रोकने, प्रदूषण को कम करने, जंगलों का विनाश रोकने और दुनियाभर में भुखमरी को खत्म करने के लिए वैश्विक स्तर पर शाकाहारी भोजन को अपनाया जाना जरूरी है. शाकाहार जलवायु संरक्षण, जैव विविधता के लिए भी जरूरी है।

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