लाइव न्यूज़ :

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: यूएई के साथ व्यापार समझौते से नए एफटीए युग की शुरुआत

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 22, 2022 11:31 AM

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के द्वारा 18 फरवरी को मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर जो हस्ताक्षर किए गए, उस एफटीए को समग्र आर्थिक साड़ोदारी समझौता (सीपा) नाम दिया गया है।

Open in App
ठळक मुद्देयह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहा है।इस एफटीए के तहत दोनों देश मई 2022 से विभिन्न क्षेत्रों की निर्धारित वस्तुओं को शुल्क मुक्त और रियायती शुल्क पर पहुंच की अनुमति देंगे। भारत द्वारा यूएई के साथ मोदी कार्यकाल का पहला एफटीए हुआ है।

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के द्वारा 18 फरवरी को मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर जो हस्ताक्षर किए गए, उस एफटीए को समग्र आर्थिक साड़ोदारी समझौता (सीपा) नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबु धाबी के युवराज शेख मोहम्मद बिन जायद के बीच एक वचरुअल शिखर सम्मेलन के दौरान केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएई के आर्थिक मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अलमरी ने एफटीए पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच एफटीए द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के नए युग की शुरुआत करेगा।

इस व्यापार समझौते से भारत और यूएई के बीच वस्तुओं का कारोबार 5 साल में दोगुना बढ़ाकर 100 अरब डॉलर किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जो कि इस समय करीब 60 अरब डॉलर है। इस समय यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साड़ोदार है और अमेरिका के बाद दूसरा बड़ा निर्यात केंद्र है। यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहा है।

इस एफटीए के तहत दोनों देश मई 2022 से विभिन्न क्षेत्रों की निर्धारित वस्तुओं को शुल्क मुक्त और रियायती शुल्क पर पहुंच की अनुमति देंगे। भारत के द्वारा यूएई को कपड़ा, आभूषण, फार्मा उत्पाद, मेडिकल उपकरण, फुटवेयर, चमड़े के उत्पाद, हस्तशिल्प व खेलकूद के सामान, मिनरल्स, खाद्य वस्तुएं जैसे मोटे अनाज, चीनी, फल और सब्जियां, चाय, मांस और समुद्री खाद्य, इंजीनियरिंग और मशीनरी, रसायन जैसे उत्पाद निर्धारित रियायतों पर भेजे जा सकेंगे। वहीं यूएई के द्वारा भारत को पेट्रो केमिकल्स, मेटल जैसे सेक्टरों के साथ सेवा से जुड़े कई सेक्टरों में रियायतें दी गई हैं। 

यह बात भी महत्वपूर्ण है कि इस एफटीए से यूएई के बाजार में अब किसी भी भारतीय फॉर्मा उत्पाद को आवेदन करने के 90 दिनों में शून्य शुल्क पर बिक्री की इजाजत मिल जाएगी। सेवा सेक्टर और डिजिटल ट्रेड को लेकर भी दोनों देशों में विशेष समझौता हुआ है। नि:संदेह भारत के द्वारा यूएई के साथ बड़े एफटीए पर हस्ताक्षर सुकूनदेह हैं। ज्ञातव्य है कि 15 नवंबर 2020 को अस्तित्व में आए दुनिया के सबसे बड़े ट्रेड समझौते रीजनल कांप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसेप) में भारत ने अपने आर्थिक व कारोबारी हितों के मद्देनजर शामिल होना उचित नहीं समझा था। 

फिर आरसेप से दूरी के बाद एफटीए की डगर पर आगे बढ़ने की नई सोच विकसित की गई। वस्तुत: हाल के वर्षों में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तहत विश्व व्यापार वार्ताओं में जितनी उलझनें खड़ी हुई हैं, उतनी ही तेजी से विभिन्न देशों के बीच एफटीए बढ़ते गए हैं। एफटीए ऐसे समझौते हैं जिनमें दो या दो से ज्यादा देश वस्तुओं एवं सेवाओं के आयात-निर्यात पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा आदि संबंधी प्रावधानों में एक-दूसरे को तरजीह देने पर सहमत होते हैं।

ज्ञातव्य है कि भारत के द्वारा यूएई के साथ मोदी कार्यकाल का पहला एफटीए हुआ है। अब इस समय भारत दुनिया के कई प्रमुख देशों के साथ भी एफटीए को तेजी से अंजाम देने की डगर पर आगे बढ़ रहा है। ये ऐसे देश हैं, जिन्हें भारत जैसे बड़े बाजार की जरूरत है और ये देश बदले में भारत के विशेष उत्पादों के लिए अपने बाजार के दरवाजे भी खोलने के लिए उत्सुक हैं। इससे घरेलू सामानों की पहुंच एक बहुत बड़े बाजार तक हो सकेगी। विगत 11 फरवरी को भारत और ऑस्ट्रेलिया ने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते से जुड़े कुछ बिंदुओं पर एक-दूसरे की चिंताओं से सामंजस्य बिठाते हुए आगामी माह मार्च 2022 में अंतरिम समझौते पर हस्ताक्षर की संभावना जताई है। वस्तुत: भारत और ऑस्ट्रेलिया का 20 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार इस समझौते के बाद कई गुना बढ़ सकता है। इसी तरह विगत 13 जनवरी को भारत और ब्रिटेन के बीच एक महत्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौते के लिए औपचारिक वार्ता की शुरुआत हुई है। 

इस वार्ता का मकसद 17 अप्रैल 2022 तक एक अंतरिम समझौते को पूरा करना और उसके बाद वित्तीय वर्ष मार्च 2023 के अंत तक समग्र व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना है। यह बात महत्वपूर्ण है कि अंतरिम समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार में शामिल 60-65 प्रतिशत वस्तुओं के आयात शुल्क को उदार किया जाएगा, जबकि अंतिम समझौते के बाद 90 प्रतिशत से ज्यादा सामानों के लिए उदार आयात शुल्क सुनिश्चित हो जाएंगे। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक दोगुना होकर 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। अमेरिका, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और यूरोपीय संघ के साथ भी भारत के द्वारा एफटीए वार्ताओं को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।

टॅग्स :FTAभारतIndia
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वपरमाणु युद्ध हुआ तो दुनिया में सिर्फ दो देशों में ही जीवन बचेगा, लगभग 5 अरब लोग मारे जाएंगे, होंगे ये भयावह प्रभाव, शोध में आया सामने

क्रिकेटIND vs BAN वॉर्म अप मैच की तारीख घोषित, जानें कब और कहां देखें मैच

भारतविदेश मंत्री जयशंकर ने बताई 'मोदी जी ने वार रुकवा दी पापा' के पीछे की असली कहानी, जानें पीएम ने युद्ध रोकने के लिए क्या किया

विश्वप्रमोद भार्गव का ब्लॉग: चाबहार बंदरगाह पर अमेरिका क्यों बेचैन?

क्राइम अलर्टब्लॉग: अपराधी लंबे समय तक नहीं बचता

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारStock Market Mutual Fund: भारतीय शेयर पर विश्वास, 16 मई 2024 तक 1.3 लाख करोड़ रुपये का निवेश, देखें साल दर साल आंकड़े

कारोबारAI Jobs: दुनिया के तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक भारत, रेड हैट सीईओ मैट हिक्स ने कहा- एआई पर अगर ठीक से काम हो तो मूल्य सृजन होगा और नए उद्योग को जन्म...

कारोबारयूपी: भदोही में किसान रातों-रात हुआ मालामाल, अचानक से खाते में 99 अरब रु पहुंचे, ऐसे हुआ गोलमाल

कारोबारनेचुरल्स आइसक्रीम के संस्थापक रघुनंदन कामथ का निधन, 'फर्श से अर्श' तक पहुंचाने में रहा अहम योगदान

कारोबारTata Motors Group: 43000 करोड़ रुपये का निवेश, टाटा मोटर्स ने की घोषणा, नए उत्पाद और प्रौद्योगिकी पर करेंगे फोकस, जानिए असर