जयंतीलाल भंडारी
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिकों को सोशल मीडिया पर पत्र लिखकर कहा कि 22 सितंबर से लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार तथा आयकर में कटौती से लोगों को लगभग 2.5 लाख करोड़ रु. की बचत प्राप्त होगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे देशवासी बचत से हुई खुशी के साथ बचत उत्सव मनाते दिखाई देंगे और ऐसे में कई परिवारों को अपनी आजीविका कमाने और युवाओं के लिए नौकरी के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी. उन्होंने नागरिकों से स्वदेशी उत्पाद खरीदने और दुकानदारों से स्वदेशी उत्पाद बेचने का आग्रह भी किया है.
इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि इस समय टैरिफ की चुनौती के बीच बचत उत्सव से भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी. साथ ही अब कर सुधारों से अर्थव्यवस्था की गति को पंख लगते दिखेंगे. हाल ही में दुनिया की प्रसिद्ध जापान की ग्लोबल रेटिंग एजेंसी रेटिंग एंड इन्वेस्टमेंट इंफार्मेशन (आरएंडआई) ने कहा कि अमेरिका के द्वारा भारत पर ऊंचे टैरिफ लगाने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ने की प्रवृत्ति दिखा रही है. ऐसे में भारत की 'सॉवरेन रेटिंग' को एक पायदान ऊपर करते हुए बीबीबी प्लस किया गया है.
इसके पहले भी पिछले दिनों एसएंडपी और मार्निंग स्टार डीबीआरएस जैसी वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड किया है.
गौरतलब है कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नए कर सुधार देश के हर नागरिक के लिए एक बड़ा उपहार हैं. इन दिनों हाल ही में जीएसटी और इनकम टैक्स में किए गए नए सुधारों और नई व्यवस्थाओं पर प्रकाशित हो रही विभिन्न रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि इन आमूल कर सुधारों से न केवल आम आदमी की जिंदगी आसान होगी, वरन देश विकसित राष्ट्र बनने की डगर पर भी तेजी से आगे बढ़ेगा.
निश्चित रूप से जिस तरह केंद्र सरकार जीएसटी में आमूल बदलाव की डगर पर आगे बढ़ी है, उसी तरह सरकार इनकम टैक्स को आसान और राहतकारी बनाने के लिए भी तेजी से आगे बढ़ी है. इनकम टैक्स कानून 2025 ,मौजूदा इनकम टैक्स कानून 1961 की जगह लेते हुए एक अप्रैल 2026 से लागू किया जाएगा. वस्तुतः नया इनकम टैक्स कानून महज कुछ धाराओं का बदलाव नहीं, बल्कि पूरी टैक्स व्यवस्था का कायापलट होगा. इससे देश में टैक्स सिस्टम के डिजिटल और सरल युग का नया दौर शुरू होगा.
इस नए कानून के तहत टैक्स कानूनों के मकड़जाल को खत्म कर एक ऐसी प्रणाली निर्मित होगी, जो सहज और आम टैक्सपेयर के लिए लाभकारी हो और इससे नए करदाता अपनी आमदनी के मुताबिक इनकम टैक्स देने के लिए तत्पर हों.
उम्मीद करें कि देश में 22 सितंबर से लागू नई जीएसटी व्यवस्था और दो स्लैब वाली कर प्रणाली के साथ-साथ एक अप्रैल 2026 से लागू होने वाले नए इनकम टैक्स कानून के तहत नए बदलावों के कार्यान्वयन पर सरकार शुरुआत से ही इस तरह ध्यान देगी कि इन कानूनों की सरलता से देश के करोड़ों लोग लाभान्वित हों और भ्रष्टाचार भी नियंत्रित हो.