मजबूत घरेलू मांग से बेअसर हो सकती है टैरिफ की मार 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 6, 2025 06:40 IST2025-03-06T06:39:49+5:302025-03-06T06:40:37+5:30

हाल ही में प्रकाशित द राइज ऑफ मिडल क्लास इंडिया नामक डॉक्युमेंट के मुताबिक भारत के मध्यम वर्ग के लोगों की संख्या तेजी से बढ़कर 2020-21 में लगभग 43 करोड़ हो गई है

Strong domestic demand may neutralize the impact of tariffs | मजबूत घरेलू मांग से बेअसर हो सकती है टैरिफ की मार 

मजबूत घरेलू मांग से बेअसर हो सकती है टैरिफ की मार 

जयंतीलाल भंडारी

इस समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प की टैरिफ मार से एशिया से लेकर यूरोप तक की अर्थव्यवस्थाओं में हाहाकार मचा हुआ है. 4 मार्च से कनाडा और मेक्सिको पर 25 फीसदी और चीन के आयात पर भी 10 फीसदी अतिरिक्त शुल्क प्रभावी किए जाने से अमेरिका और उसके सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों के बीच नया व्यापार युद्ध शुरू हो गया है. भारत भी टैरिफ वृद्धि के मद्देनजर अमेरिका के निशाने पर है.

जहां भारत में टेक्सटाइल, दवाई, ऑटोमोबाइल, इस्पात, एल्युमीनियम और सेमीकंडक्टर जैसे सेक्टर्स में चिंताएं हैं, ऐसे में भारत अमेरिका को उपयुक्त टैरिफ रियायतों के साथ अपनी मजबूत घरेलू मांग को और तेजी से बढ़ाने तथा द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं की नई रणनीति के साथ ट्रम्प की टैरिफ मार से मुकाबला करने की डगर पर सुनियोजित रूप से बढ़ रहा है.

निश्चित रूप से इस समय देश के उपभोक्ता बाजारों में तेजी से बढ़ती खपत भारत के लिए ट्रम्प के टैरिफ से जंग में मजबूत हथियार है. हाल ही में 27 फरवरी को डेलॉयट इंडिया और रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) के द्वारा जारी इंडियाज डिस्क्रेशनरी स्पेंड इवॉल्यूशन रिपोर्ट के मुताबिक भारत का उपभोक्ता बाजार दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा है.

भारत के उपभोक्ता बाजार में जो निजी खपत वर्ष 2013 में 87 लाख करोड़ रुपए मूल्य की थी, वह वर्ष 2024 में दोगुनी से भी अधिक 183 लाख करोड़ रुपए से ऊपर निकल गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2026 में भारत तेजी से बढ़ती खपत के कारण दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बन जाएगा.

देश के उपभोक्ता बाजार को देश का मध्यम वर्ग नई आर्थिक ताकत दे रहा है. देश में आर्थिक सुधारों के साथ ऊंची विकास दर और शहरीकरण की ऊंची वृद्धि दर के बलबूते भारत में मध्यम वर्ग के लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. हाल ही में प्रकाशित द राइज ऑफ मिडल क्लास इंडिया नामक डॉक्युमेंट के मुताबिक भारत के मध्यम वर्ग के लोगों की संख्या तेजी से बढ़कर 2020-21 में लगभग 43 करोड़ हो गई है और 2047 तक यह संख्या बढ़कर 102 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.

इस वर्ग को 5 लाख से 30 लाख रुपए की वार्षिक आय वाले परिवारों के रूप में परिभाषित किया गया है. रिसर्च फर्म कांतार की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2030 तक सालाना 10 हजार डॉलर से अधिक आय वाले भारतीयों की संख्या तीन गुना हो जाएगी.

यह 2024 में लगभग 6 करोड़ थी, जो 2030 तक 16.5 करोड़ होगी. यह कोई छोटी बात नहीं है कि तमाम वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत घरेलू मांग की मजबूती से दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है. पिछले 10 वर्षों में खपत बढ़ने की दर सबसे अधिक भारत में ही रही है.  

Web Title: Strong domestic demand may neutralize the impact of tariffs

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