एआई की दुनिया में दमदार उपस्थिति की ओर बढ़ता भारत
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: February 1, 2025 05:36 IST2025-02-01T05:35:53+5:302025-02-01T05:36:56+5:30
India AI: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को देश की एआई (कृत्रिम मेधा) महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित करते हुए कहा है कि भारत आने वाले महीनों में अपना खुद का आधारभूत मॉडल तैयार करेगा.

सांकेतिक फोटो
India AI: हाल ही में चीनी एआई स्टार्टअप ‘डीपसीक’ के एआई चैटबॉट डीपसीक-आर1 ने जिस तरह से पूरी दुनिया में हलचल मचाई, उससे साफ हो गया कि दुनिया में एआई क्रांति शुरू हो चुकी है. डीपसीक की एंट्री इतनी धमाकेदार थी कि अमेरिकी शेयर बाजार और टेक कंपनियों को भारी झटका लगा. सोमवार को इस क्षेत्र की ‘किंग’ कही जाने वाली कंपनी एनवीडिया के शेयर इतनी बुरी तरह गिरे कि कंपनी का मार्केट कैप (वैल्युएशन) एक दिन में ही 51.31 लाख करोड़ रुपए गिर गया. इसमें कोई शक नहीं कि भविष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) का ही है.
शायद इसीलिए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को देश की एआई (कृत्रिम मेधा) महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित करते हुए कहा है कि भारत आने वाले महीनों में अपना खुद का आधारभूत मॉडल तैयार करेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत स्टार्टअप और शोधकर्ताओं के उपयोग के लिए 18693 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) द्वारा संचालित सबसे सस्ती कॉमन कम्प्यूट सुविधा तैयार करेगा.
जिसकी मदद से चैटजीपीटी, डीपसीक आर1 और ऐसे ही दूसरे एआई मॉडल को टक्कर दी जा सकती है. वैष्णव ने भरोसा दिलाया कि सामान्य कम्प्यूट सुविधा (18,693 जीपीयू द्वारा संचालित) वैश्विक लागत मानक के मुकाबले बहुत कम होगी. यह कम्प्यूट सुविधा सबसे सस्ती होगी, जिसकी 40 प्रतिशत लागत सरकार वहन करेगी.
दरअसल चीन का चैटबॉट हो या अमेरिका का, सबने अपने-अपने देश के हितों के हिसाब से ही विकसित किया है. जैसे चीनी सैनिकों द्वारा 1989 में बीजिंग के तियानमेन चौराहे पर छात्रों के नेतृत्व में लोकतंत्र के समर्थन में उतरे प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की घटना को लेकर पूछे गए सवाल पर डीपसीक के चैटबॉट ने कहा, ‘क्षमा चाहता हूं, यह मेरे वर्तमान दायरे से परे है. चलो कुछ अलग बात करते हैं.’
जबकि चैटजीपीटी ने इसे आधुनिक चीनी इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण और दुखद घटनाओं में से एक बताते हुए विस्तृत उत्तर दिया. इसी तरह ताइवान के चीन का हिस्सा होने या न होने से संबंधित सवाल पर भी दोनों चैटबॉट ने अलग-अलग जवाब दिए. यह सिर्फ एक बानगी है कि जिस देश के भी चैटबाॅट का दुनिया में वर्चस्व होगा, वह अपने नजरिये को पूरी दुनिया पर थोपेगा.
इसलिए भारत द्वारा अपना एआई मॉडल तैयार करने का निर्णय निश्चित रूप से आज के वक्त की जरूरत है, ताकि भविष्य में हम पिछड़ें नहीं. वैसे भी भारत के तकनीकी विशेषज्ञों का डंका पूरी दुनिया में बजता है. इसरो ने पश्चिमी देशों के मुकाबले बहुत कम लागत पर चंद्रमा और मंगल पर अपने यानों को पहुंचाकर साबित कर दिया है कि सीमित संसाधनों के बल पर भी हम दुनिया में अग्रिम पंक्ति में खड़े हो सकते हैं.
इसलिए केंद्रीय मंत्री वैष्णव की इस बात पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि भारत एक ऐसा आधारभूत मॉडल बनाएगा, जो विश्वस्तरीय होगा और दुनियाभर के सर्वश्रेष्ठ मॉडल के साथ मुकाबला कर सकेगा. यह एक ऐसा आधारभूत मॉडल होगा जो भारतीय संदर्भ, भारतीय भाषाओं, संस्कृति से जुड़ा होगा और जहां आंकड़े हमारे देश के लिए, हमारे नागरिकों के लिए होंगे.