डिजिटलीकरण के लिए दुनिया में बजता भारत का डंका, आईएमएफ ने भी की तारीफ
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: April 8, 2023 16:34 IST2023-04-08T16:34:55+5:302023-04-08T16:34:55+5:30
आईएमएफ ने कहा है कि भारत ने एक विश्वस्तरीय डिजिटल सार्वजनिक ढांचा खड़ा किया है, जो दूसरे देशों के लिए भी अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन में बदलाव लाने का सबक हो सकता है।

डिजिटलीकरण के लिए दुनिया में बजता भारत का डंका, आईएमएफ ने भी की तारीफ
भारत के डिजिटल ढांचे की अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) द्वारा की गई तारीफ ने साबित कर दिया है कि भारत सिर्फ प्राचीन ज्ञान संपदा के मामले में ही दुनिया में अव्वल नहीं रहा है बल्कि आधुनिक तकनीक को भी भारतवासियों ने उत्साह से अपनाया है और दुनिया के सामने मिसाल पेश कर रहे हैं। आईएमएफ ने कहा है कि भारत ने एक विश्वस्तरीय डिजिटल सार्वजनिक ढांचा खड़ा किया है, जो दूसरे देशों के लिए भी अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन में बदलाव लाने का सबक हो सकता है।
डिजिटल सार्वजनिक ढांचे के तहत विशिष्ट पहचान (आधार), यूपीआई और आधार-समर्थित भुगतान सेवा के साथ डिजिलॉकर एवं खाता एग्रिगेटर जैसे डाटा विनिमय की व्यवस्था शामिल है। वर्ष 2016 के अंत में जब भीम एप्प को लॉन्च किया गया था तो शायद ही किसी को विश्वास रहा होगा कि यह इतनी जल्दी देश में क्रांतिकारी परिवर्तन ला देगा। आज छोटी-बड़ी दुकानों से लेकर पान, चाय की टपरी तक लोग छोटे-बड़े भुगतान धड़ल्ले से यूपीआई के जरिये कर रहे हैं।
कहा जा सकता है कि इस मामले में भारत को अपनी अधिकांश आबादी के युवा होने का फायदा मिला है क्योंकि आधुनिक तकनीकी बदलावों को युवा बहुत सहजता से अपना लेते हैं और घर के बड़े-बुजुर्गों की भी इसमें मदद करते हैं। डिजिटल ढांचे से भारत को कोरोनाकाल में भारी मदद मिली, क्योंकि डेढ़-दो साल तक लोग कोविड-19 के कारण अलग-थलग रहने पर मजबूर हो गए थे और नकदी के इस्तेमाल से वायरस के प्रसार का जोखिम बढ़ गया था।
डिजिटलीकरण के कारण भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में बहुत बड़ी सहायता मिली है क्योंकि सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों की सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में पहुंच जाती है। ऐसा नहीं है कि डिजिटलीकरण की इस प्रक्रिया की शुरुआत में लोगों को परेशानी नहीं हुई।
किसी भी नई चीज की शुरुआत में उसके साथ सहज होने में लोगों को कुछ समय लगता ही है, लेकिन सरकार अपने रुख पर मजबूती से डटी रही और लोगों ने भी समय के साथ अपने भीतर बदलाव लाने और नई चीज सीखने का जज्बा दिखाया।
इसी का परिणाम है कि आज आईएमएफ भी भारत के डिजिटल ढांचे की प्रशंसा कर रहा है। वैसे हमारे देशवासी विदेशों में भी जहां-जहां गए हैं, वहां-वहां अपनी सफलता का झंडा गाड़ा है। जरूरत बस उन्हें समुचित अवसर मिलने की होती है। अपने नागरिकों की इसी प्रतिभा के बल पर भारत आज विश्वशक्ति बनने की ओर अग्रसर है।