देशभर के नेशनल हाईवे पर टोल कलेक्शन लगभग 15 परसेंट बढ़ा है। टोल कलेक्शन में ये वृद्धि फास्टैग को अनिवार्य बनाने के बाद हुई है। सूत्रों के मुताबिक नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) का रोजाना रेवेन्यू 80 करोड़ रुपये से ज्यादा है जबकि फास्टैग के अनिवार्य होने से पहले जुलाई-अगस्त में यह औसतन 65-68 करोड़ होता था।
कहा जा रहा है कि रेवेन्यू में अभी और वृद्धि होगी जब सभी वाहनों में फास्टैग लग जाएगा। इसके जरिये रेवेन्यू में होने वाला लीकेज पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। वहीं अधिकारियों ने भी माना है कि 40-45 टोल प्लाजा पर कुछ दिक्कतें आ रही हैं। देश में कुल 530 टोल प्लाजा हैं।
'टोलटाइमजीरो' जो कि एक आईटी फर्म है जो कि 488 टोल प्लाजा के लाइव ट्रैफिक सिचुएशन को ट्रैक करती है। इसके मुताबिक रविवार को एवरेज वेटिंग टाइम 12 मिनट था जबकि सालभर पहले वेटिंग टाइम 10.04 मिनट था और महीने भर पहले वाहनों को 10.57 मिनट तक इंतजार करना होता था।
रोजाना यात्रा करने वाले कुछ लोगों ने टीओआई को बताया कि टोल प्लाजा पर कई तरह का कंफ्यूजन था जिससे बिना फास्टैग वाले वाहन फास्टैग वाली लाइन में घुस जाते हैं जिसमें से कई लोग इस गलती के बदले वसूले जाने वाले दोगुने चार्ज को देने से मना करते हैं। इस वजह से लंबी लाइन लग जाती है। वहीं कुछ प्लाजा पर तकनीकी खराबी के चलते लंबी लाइन लगी है।
हाईवे मिनिस्ट्री के अधिकारियों के मुताबिक 245 टोल प्लाजा पर ट्रैफिक की स्थिति संतोषजनक रही जहां केवल एक लेन सिर्फ इसलिए थी जहां बिना फास्टैग वाले वाहन कैश के जरिये टोल कटा सकते हैं। इसके अलावा 242 टोल प्लाजा ऐसे हैं जहां 25 परसेंट लेन पर कैश लेनदेन की अनुमति है वहां भी स्थिति ठीक है। बाकी के 40-42 टोल प्लाजा जहां 25 परसेंट कैश लेनदेन की सुविधा है इसके अलावा चीजों को सुधारने की जरूरत है।