कोरोना वायरस को रोकने के लिए जब देशभर में लॉकडाउन किया गया तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप्स की डाउनलोडिंग में काफी ज्यादा वृद्धि देखी गई। ऑफिस की मीटिंग के साथ बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज के लिए भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का ही सहारा था। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप खासतौर पर इंटरनेट डाटा पर काम करते हैं लेकिन इस बीच कई लोगों ने पैसे कटने की भी शिकायत की है। अब टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की है।
दरअसल हाल ही में कुछ लोगों ने वीडियो कॉलिंग और ऑनलाइन ऑडियो कॉलिंग को लेकर शिकायत की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि कॉलिंग के बाद उन्हें काफी रकम चुकानी पड़ी है। शिकायत के बाद ट्राई ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि किसी भी ऑनलाइन वीडियो या ऑडियो कॉल को ज्वाइन करने से पहले उसकी शर्तों और शुल्क के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
ट्राई का कहना है कि 'यह देखने में आया है कि अंतरराष्ट्रीय वीडियो और ऑडियो कॉलिंग के लिए कुछ लोगों से शुल्क लिया गया है। ऐसे में जरूरी है कि आप वीडियो और ऑडियो कॉलिंग के लिए जिस एप का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसको इस्तेमाल करने की शर्तों के बारे में ध्यान से पढ़ें।
कई बार लोग अनजाने में अंतरराष्ट्रीय नंबर डायल करते हैं और ऐसे में आईएसडी रेट लागू हो जाता है जो कि काफी महंगा होता है। आपको बता दें कि पिछले महीने ही ट्राई ने अंतरराष्ट्रीय कॉल को गंतव्य पर पहुंचाने के शुल्क (कॉल टर्मिनेशन चार्ज) में शुक्रवार को एक दायरे में बढ़ोत्तरी करने की छूट दी। पहले यह चार्ज 30 पैसे प्रति मिनट था जिसे अब 35 से 65 पैसे प्रति मिनट कर दिया है। इससे दूरसंचार कंपनियों को लाभ की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय कॉल समाप्ति शुल्क, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंबी दूरी के कॉल संभालने वाले भारतीय परिचालक (आईएलडीओ) को विदेशी काल के गंतव्य वाले नेटवर्क आपरेटर को चुकानी होती है। इससे जिस घरेलू कंपनी के नेटवर्क पर विदेशों से आने वाली कॉल समाप्त होती है उसे इस शुल्क की राशि मिलती है।