आज आवश्यकता इसी बात की है कि मूल निवासियों को मूल निवासी ही रहने दिया जाए। उनकी सहमति से उनका उन्नयन हो। उन पर कोई वन कानून लादा न जाए। वे जंगलों के संरक्षक हैं। पर्यावरण के रक्षक हैं। उनको वनों का शत्रु न समझें। ...
नक्सलियों के साथ बैठकर उनके मुद्दों को समझना और उनका समाधान भी निकालना जरूरी है। नक्सलियों को भी समझना चाहिए कि खून बहाना कोई समाधान नहीं। आज तक इस रास्ते से कहीं कोई समाधान नहीं निकल सका है, न भविष्य में निकलेगा। ...
सरकार और प्रशासन के लोग अपने ढर्रे से काम करते हैं। कई बार वे भू-वैज्ञानिकों की सलाह को भी नजरंदाज कर देते हैं। उन्हें लगता है कि जल विद्युत परियोजना बनेगी, तो लाखों लोगों का भला होगा। लेकिन वे समझ नहीं पाते कि इसका क्या दुष्परिणाम होगा। कम से कम अब ...
बिरसा मुंडा प्रगतिशील चिंतन वाले सुधारवादी आदिवासी नेता थे. उन्होंने अपने समाज में व्याप्त अंधविश्वास के विरुद्ध जागरण उस समय शुरू किया, जब ऐसे काम बेहद कठिन थे. यही कारण था कि उनके सुधारवादी कदम देख अंग्रेज घबरा गए थे. ...