वर्ष 1999 से पत्रकारिता के क्षेत्र में है. दैनिक भास्कर, नवभारत जैसे हिंदी के अखबारों में काम कर चुके है. वर्ष 2003 से लोकमत समाचार से जुड़े. अभी नागपुर में सिटी चीफ के तौर पर कार्यरत है. वर्ष 2003 से 2012 तक लोकमत समाचार के लिए गढ़चिरोली ब्यूरो चीफ के तौर पर काम किया है. गढ़चिरोली में रहते हुए नक्सल नेताओं के इंटरव्यू, मुठभेड़, नक्सली वारदातों को कवर किया. नक्सल गतिविधियां और एंटी नक्सल आॅपरेशन के एक्सपर्ट के तौर पर जाने जाते है. नक्सल एक्सपर्ट के तौर पर टीवी चैनलों की पैनल पर भी शामिल होते है. लोकमत समाचार के अमरावती ब्यूरो चीफ भी रह चुके है. वर्ष 2014 से नागपुर में कार्यरत है. मूल रूप से चंद्रपुर जिले के निवासी है. लोकमत समाचार के मेट्रो एक्सप्रेस (टैब्लॉइड) की शुरूआत से तीन वर्षों तक जिम्मेदारी संभाली है.Read More
कोरोना वायरस का ख़ौफ़ पहला ख़ौफ़ नहीं है, इससे पहले भी कुदरत ने हमें ऐसे ही कई मर्तबा हमारी औकात बताई है। ये बात अलग है कि हम इंसानों का घमंड कम नहीं हो रहा। हमने तो स्वयं को इस सृष्टि का सर्व शक्तिमान मान लिया है। ...
मिली जानकारी के अनुसार ,ये 45 वर्षीय व्यक्ति हाल में 6 मार्च को ही अमेरिका से भारत लौटा है। इसी बीच बुखार की शिकायत के बाद उसने मेयो अस्पताल से संपर्क किया। उसके खून के नमूने अन्य दो व्यक्तियों के नमूनों के साथ प्रयोगशाला भेजे गए थे। ...
दुनिया भर में कोरोना वायरस का खौफ कम नहीं हो रहा है. इस वायरस (Covid-19) से 16 देशों में 3250 से ज्यादा मौते हुई हैं. भारत में कोरोना वायरस के 29 मामले सामने आए हैं. नागपुर पुलिस ने कोरोना वायरस को लेकर ट्वीट किया है. महाराष्ट्र में अब तक कोरोना वायर ...
नागपुर के यात्री अजय पांडे ने लोकमत समाचार को बताया कि उनकी नागपुर की फ्लाइट 7.30 बजे रवाना होने वाली थी लेकिन रात 11 बजे तक उसने उड़ान ही नहीं भरा। ...
आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भाजपा के कंधे का उपयोग कर राजनीति करता है.उसे सीधे चुनाव लड़ना चाहिए. इसपर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर संघचालक राजेश लोया ने जवाब दिया है. ...
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने सभी से आह्वान किया है कि वे 23 फरवरी को भारत बंद की तैयारी करें। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि मैं सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करता हूँ कि 23 फरवरी के भारत बंद में सहयोग करें। ...
मामला महाराष्ट्र का है और 1990 से 1996 को दौरान काफी चर्चित भी रहा है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति ने इनकी दया याचिका भी ठुकरा दी हैं। बावजूद इसके इन्हें फांसी नहीं दी जा रही है। ...