अफगानिस्तान शांति वार्ता दलः महिला सदस्य एवं पूर्व सांसद पर जानलेवा हमला, बाल-बाल बचीं, किसी ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी
By भाषा | Published: August 15, 2020 03:45 PM2020-08-15T15:45:13+5:302020-08-15T15:45:13+5:30
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन ने कहा कि काबुल के पास शुक्रवार की शाम को फौज़िया कूफी पर हमला किया गया। उस वक्त वह परवान प्रांत से लौट रही थीं। कूफी तालिबान के साथ होने वाली शांति वार्ता में अफगान सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले 21 सदस्यीय दल का हिस्सा हैं।
काबुलः अफगानिस्तान शांति वार्ता दल की एक महिला सदस्य एवं पूर्व सांसद पर जानलेवा हमला हुआ, जिसमें वह बाल-बाल बच गईं। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन ने कहा कि काबुल के पास शुक्रवार की शाम को फौज़िया कूफी पर हमला किया गया। उस वक्त वह परवान प्रांत से लौट रही थीं। कूफी तालिबान के साथ होने वाली शांति वार्ता में अफगान सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले 21 सदस्यीय दल का हिस्सा हैं।
अफगान शांति प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख मोहम्मद मासूम स्तानेकजई ने ट्वीट किया कि कूफी हमले में बाल बाल बच गईं और वह ठीक हैं। फिलहाल किसी ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। तालिबान और इस्लामिक स्टेट से संबद्ध संगठन अफगान सरकार से जुड़े लोगों को अपना निशाना बनाते रहते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है।
पाकिस्तान ने तालिबान कैदियों की रिहायी की अफगान परिषद की सिफारिश का स्वागत किया
पाकिस्तान ने तालिबान के बाकी 400 कैदियों को रिहा करने की एक पारंपरिक अफगान परिषद की सिफारिश का रविवार को स्वागत किया और उम्मीद जतायी कि इस कदम से अफगानिस्तान के संघर्षरत पक्षों के बीच बातचीत जल्द शुरू करने में मदद मिलेगी। पारंपरिक अफगान परिषद का समापन हुआ जिसमें सैकड़ों प्रतिनिधियों ने तालिबान के 400 सदस्यों को रिहा करने पर सहमति जतायी।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अमेरिका-तालिबान शांति समझौते के तहत कैदियों की रिहाई से संबंधित इस कदम के कार्यान्वयन से अंतर-अफगान वार्ताएं जल्द से जल्द शुरू हो सकेंगी।’’ अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते में वार्ता से पहले सद्भावना संकेत के तौर पर सरकार से 5,000 कैदियों की रिहायी और तालिबान से 1,000 सरकारी और सैन्य कर्मियों को रिहा करने का आह्वान किया गया है।
बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि अफगानिस्तान के नेताओं को इस ऐतिहासिक अवसर का लाभ उठाना चाहिए और अफगानिस्तान में एक व्यापक और समावेशी राजनीतिक समझौते के लिए अंतर-अफगान वार्ता के माध्यम से रचनात्मक रूप से काम करना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी अफगानिस्तान में निरंतर और दीर्घकालिक शांति तथा स्थिरता के लिए अंतर-अफगान वार्ता की सफलता के लिए अपना समर्थन और बढ़ाना चाहिए। उसने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के नेतृत्व वाली और उसके स्वामित्व वाली शांति और सुलह प्रक्रिया का लगातार समर्थन किया है। इस प्रक्रिया में पाकिस्तान के सकारात्मक योगदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।