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मुश्किल रहा है बाइडन की जिंदगी का सफर, पत्नी और एक साल की बेटी की दुर्घटना में हुई थी मौत, 2015 में कैंसर ने ली बड़े बेटे की जान

By विनीत कुमार | Updated: November 8, 2020 13:50 IST

Joe Biden: जो बाइडन का अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनना तय हो गया है। वे अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे। साथ ही वे अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति भी बनने जा रहे हैं।

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ठळक मुद्देजो बाइडन होंगे अमेरिका के अगले राष्ट्रपति, 1972 में 30 साल की उम्र में बने थे पहली बार सीनेटरजो बाइडन ने राष्ट्रपति पद के लिए तीन बार आजमाई किस्मत, अमेरिकी राजनीति में एमट्रेक बाइडन के नाम से भी हैं मशहूर

US Election 2020: अमेरिका ने अपने 46वें राष्ट्रपति का चुनाव कर लिया है। जो बाइडन की जीत पक्की हो गई है। वे डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार थे।

वहीं, भारतीय मूल की कमला हैरिस ने भी इतिहास रचा है और वे उपराष्ट्रपति होंगी। कमला पहली ऐसी अश्वेत महिला होंगी जो अमेरिका का उपराष्ट्रपति बनने जा रही हैं। अमेरिका में कई जानकार इसे एक नई शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं। ऐसे में आईए जानते हैं आखिर कौन हैं जो बाइडन और कैसा रहा है उनका अब तक का सफर...

1942 में पेंसिलवेनिया में जन्म

जोसेफ रोबिनेटे बाइडन जूनियर का जन्म 20 नवंबर, 1942 को पेंसिलवेनिया में हुआ। उनके दो भाई और एक बहन हैं। उनके पिता तेल के कारोबार से जुड़े थे। बाइडन के पिता की आर्थिक स्थिति शुरू में काफी अच्छी रही थी हालांकि बाद में बिजनेस में हुए नुकसान के कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 

बाइडेन और उनके भाई-बहन को परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण अपने नाना-नानी के घर काफी दिन भी गुजारने पड़े। बाइडन ने 27 अगस्त 1966 को पहली शादी नीला हंटर से की। इसके बाद 1968 में उन्होंने लॉ की डिग्री भी हासिल की। इस दौरान उनका राजनीति से भी राफ्ता होता चला गया। साल 1972 में वे पहली बार डेलावेयर से सीनेटर चुने गए।

जो बाइडन ने अस्पताल में ली सीनेटर पद की शपथ

जो बाइडन के लिए 1972 में सीनेटर बनने की खबर के साथ एक बुरी खबर भी आई। इसी साल एक दुर्घटना में उनकी पत्नी और एक साल की बेटी की भी मौत हो गई जबकि उनके दो बेटे बुरी तरह घायल हो गए थे। दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

इसी दौरान उन्होंने सीनेटर चुने जाने पर अस्पताल में जनवरी, 1973 में शपथ लेनी पड़ी थी। बाइडन तब 30 साल के थे और अमेरिकी इतिहास में छठे सबसे युवा सिनेटर बने थे। सिनेटर बनने के बाद बाइडन तब अपने बेटों को देखने के लिए रोज ट्रेन से वॉशिंगटन डीसी से डेलावेयर तक का सफर करते थे।

बाइडन दिन में काम करते हैं और फिर देर शाम एमट्रेक नाम की ट्रेन सर्विस से रोज अपने बेटों को देखने के लिए घर आते थे। वॉशिंगटन डीसी से डेलावेयर तक का ये रास्ता 90 मिनट का था।

सीनेट में रहने के दौरान करीब 35 सालों तक उन्होंने इसी रूटिन का पालन किया। बाद में तो उन्हें एमट्रेक बाइडन के नाम से ही पुकारा जाने लगा था। बाइडन के बड़े बेटे बिउ बाउडन की कैंसर के कारण 2015 में मौत हुई।

बाइडन ने राष्ट्रपति पद के लिए तीन बार आजमाई किस्मत

जो बाइडन ने 1977 में शिक्षाविद जिल ट्रैकी जैकब से शादी की। इनसे उन्हें एक बेटी है। बाइडन ने अपने राजनीतिक करियर में तीन बार राष्ट्रपति बनने की रेस में हाथ आजमाया। बाइडन ने सबसे पहले 1988 में राष्ट्रपति पद के लिए किस्मत आजमाई। उन्होंने डेमोक्रेट्स की ओर से प्राइमरी की जंग भी लड़ी और तब एक मौके पर तो उन पर भाषण की चोरी का भी आरोप लगा। 

बाद में तबीयत खराब होने के कारण उन्हें इसे रेस से पीछे हटना पड़ा। इसके बाद 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी उन्होंने कैंपेन शुरू कर दिया था लेकिन फिर 2015 में बेटे की मौत की वजह से उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया।

इससे पहले 2008 में भी उन्होंने राष्ट्रपति पद की रेस में जाने का फैसला किया था लेकिन बाद में बराक ओबामा को उन्होंने अपना समर्थन दिया। बाइडन ओबामा के कार्यकाल में 2009 से 2016 तक अमेरिका के उपराष्ट्रपति रहे।

टॅग्स :जो बाइडनडोनाल्ड ट्रम्पअमेरिका
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