उज्बेकिस्तान में खांसी सिरप से मौत: 2 भारतीय सिरप को लेकर WHO का अलर्ट, कहा- इन्हें नहीं किया जाए इस्तेमाल

By मनाली रस्तोगी | Published: January 12, 2023 10:49 AM2023-01-12T10:49:44+5:302023-01-12T10:52:20+5:30

पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि खांसी की दवाई डीओके-1 मैक्स में संदूषण की खबरों के मद्देनजर फार्मा कंपनी की सभी निर्माण गतिविधियों को रोक दिया गया है। 

WHO Alert On 2 Indian Syrups After Uzbekistan Child Deaths | उज्बेकिस्तान में खांसी सिरप से मौत: 2 भारतीय सिरप को लेकर WHO का अलर्ट, कहा- इन्हें नहीं किया जाए इस्तेमाल

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Highlightsडब्ल्यूएचओ ने कहा है कि उज्बेकिस्तान में बच्चों के लिए नोएडा की कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गए दो कफ सिरप का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।डब्लूएचओ ने कहा कि मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित घटिया चिकित्सा उत्पाद ऐसे उत्पाद हैं जो गुणवत्ता मानकों या विनिर्देशों को पूरा करने में विफल रहते हैं और इसलिए विनिर्देश से बाहर हैं।WHO के अनुसार, दो भारतीय कफ सिरप AMBRONOL सिरप और DOK-1 मैक्स सिरप गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल रहे।

जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सिफारिश की है कि उज्बेकिस्तान में बच्चों के लिए नोएडा की कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गए दो कफ सिरप का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। बुधवार को एक मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट में डब्लूएचओ ने कहा कि मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित घटिया चिकित्सा उत्पाद ऐसे उत्पाद हैं जो गुणवत्ता मानकों या विनिर्देशों को पूरा करने में विफल रहते हैं और इसलिए विनिर्देश से बाहर हैं।

डब्ल्यूएचओ ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक अलर्ट में कहा, "यह डब्ल्यूएचओ मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट दो घटिया (दूषित) उत्पादों को संदर्भित करता है, जिनकी उज्बेकिस्तान में पहचान की गई और 22 दिसंबर 2022 को डब्ल्यूएचओ को रिपोर्ट किया गया। घटिया चिकित्सा उत्पाद ऐसे उत्पाद हैं जो गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल होते हैं और इसलिए विनिर्देश से बाहर हैं।"

अलर्ट में कहा गया, "दो उत्पाद एम्बरोनॉल सिरप और डीओके-1 मैक्स सिरप हैं। दोनों उत्पादों के कथित निर्माता मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (उत्तर प्रदेश, भारत) हैं। आज तक कथित निर्माता ने इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी नहीं दी है।" उज्बेकिस्तान से खांसी की दवाई खाने के बाद बच्चों की मौत की खबरें सामने आने के बाद नोएडा स्थित फार्मा मैरियन बायोटेक पर संकट के बादल छा गए हैं।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, उज्बेकिस्तान गणराज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए कफ सिरप के नमूनों के प्रयोगशाला विश्लेषण में पाया गया कि दोनों उत्पादों में दूषित पदार्थों के रूप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और / या एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा शामिल है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, "इन दोनों उत्पादों के क्षेत्र में अन्य देशों में विपणन प्राधिकरण हो सकते हैं। उन्हें अनौपचारिक बाजारों के माध्यम से अन्य देशों या क्षेत्रों में भी वितरित किया जा सकता है।"

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि इस अलर्ट में संदर्भित घटिया उत्पाद असुरक्षित हैं और विशेष रूप से बच्चों में उनके उपयोग से गंभीर चोट या मृत्यु हो सकती है। 22 दिसंबर को उज्बेकिस्तान ने आरोप लगाया कि मैरियन बायोटेक कंपनी द्वारा निर्मित दवाओं का सेवन करने से 18 बच्चों की मौत हो गई। मंगलवार को उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत से जुड़ी मैरियन बायोटेक कंपनी का उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया।

गौतम बौद्ध नगर ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने कहा, "मैरियन बायोटेक कंपनी का उत्पादन लाइसेंस पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर हमने निलंबित कर दिया है, निरीक्षण के दौरान मांगे गए दस्तावेजों के आधार पर राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था, जो उन्होंने उपलब्ध नहीं कराया था।" उन्होंने आगे कहा कि नमूना परिणाम अभी भी लंबित हैं। पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि खांसी की दवाई डीओके-1 मैक्स में संदूषण की खबरों के मद्देनजर फार्मा कंपनी की सभी निर्माण गतिविधियों को रोक दिया गया है। 

Web Title: WHO Alert On 2 Indian Syrups After Uzbekistan Child Deaths

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