नई दिल्ली: अमेरिका में 9/11 के हमले की साजिश रचने के आरोपी अल-कायदा के प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को अफगानिस्तान में एक ड्रोन हमले में मार दिया गया है। जवाहिरी की काबुल में मौजूदगी के बारे में पुख्ता सूचना मिलने के बाद अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन चलाया था। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए पिछले कई हफ्तों से अलकायदा सरगना अल-जवाहिरी पर नजर रखे हुए थी। आखिर में ड्रोन हमले में बेहद खतरनाक 'हेलफायर आर9एक्स' मिसाइल का इस्तेमाल करके अल-जवाहिरी को उसके अंजाम तक पहुंचा दिया गया।
क्या है 'हेलफायर आर9एक्स मिसाइल' की खासियत
'हेलफायर आर9एक्स' मिसाइल को दुनिया की सबसे खतरनाक मिलाइलों में गिना जाता है जो सटीक निशाना लगाने के लिए मशहूर है। अमेरिका अपने दुश्मनों पर सटीक हमला करने के लिए इसी मिसाइल का इस्तेमाल करता है। अपने अचूक निशाने के लिए इस मिसाइल को निंजा मिसाइल भी कहते हैं। यह मिसाइल अन्य मिसाइलों की तरह विस्फोट नहीं करती। बल्कि, इसके अंदर से चाकू जैसे ब्लेड्स निकलते हैं जो टारगेट पर सटीक निशाना लगाते हैं। हेलफायर मशीन को काफी घातक और टारगेट पर सटीक निशाना बनाने के लिए ही जाना जाता है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे आस-पास के लोगों को कोई चोट नहीं पहुंचती है। रिहायशी इलाकों और बंकरों में छुपे दुश्मनों को खत्म करने के लिए इस मिसाइल का इस्तेमाल किया जाता है।
हेलफायर आर9एक्स मिसाइलको ड्रोन, हेलिकॉप्टर और लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है। इस मिसाइल पर कैमरे और सेंसर्स भी लगे होते हैं जो विस्फोट से पहले तक रिकॉर्डिंग करते हैं। जब ये मिसाइल अपने निशाने पर हमला करती है तब छह ब्लेड्स का एक सेट निकलता हैं जिसके सामने आने वाला कोई भी इंसान कई टुकड़ों में कट जाता है। इस मिसाइल को 'फ्लाइंग गिंसू' यानी उड़ने वाला चाकू भी कहा जाता है।