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Presidential Debate: भारत, चीन सहित रूस पर डोनाल्ड ट्रंप का तंज, कहा- देख लीजिए वहां कितनी खराब हवा है

By भाषा | Updated: October 23, 2020 12:56 IST

Presidential Debate: राष्ट्रपति पद के चुनाव के अंतिम प्रेसिडेंशियल डिबेट में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के रिस जलवायु समझौते से हटने के अमेरिका के कदम को सही ठहराया। इस दौरान उन्होंने भारत, चीन, रूस में प्रदूषण का जिक्र किया।

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ठळक मुद्देपेरिस जलवायु समझौते से हटने का अमेरिका का कदम बिल्कुल सही: डोनाल्ड ट्रंपचीन को देखिए, कितना गंदा है, रूस को देखिए, भारत को देखिए, वहां हवा बहुत गंदी है: ट्रंप

वाशिंगटन:अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन, भारत और रूस पर ‘‘दूषित वायु’’ से निपटने के लिए उचित कदम ना उठाने का आरोप लगाते हुए, पेरिस जलवायु समझौते से हटने के अमेरिका के कदम को सही ठहराया।

नाश्विले के बेलमॉन्ट विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति पद के चुनाव की अंतिम आधिकारिक बहस (प्रेसिडेंशियल डिबेट) के दौरान ट्रम्प ने कहा, ‘‘ चीन को देखिए, कितना गंदा है। रूस को देखिए , भारत को देखिए, वे बहुत गंदे हैं। हवा बहुत गंदी है।’’

अमेरिका में तीन नवम्बर को राष्ट्रपति चुनाव है। डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के साथ करीब 90 मिनट चली बहस के दौरान ट्रम्प ने जलवायु परिवर्तन के सवाल पर कहा, ‘‘ इस प्रशासन के अधीन 35 वर्षों की तुलना में उत्सर्जन की स्थिति सबसे बेहतर है। हम उद्योग के साथ अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।’’

'अमेरिका के साथ हो रहा था भेदभाव'

उन्होंने कहा, ‘‘ पेरिस समझौते से मैंने हमें इसलिए अलग किया, क्योंकि हमें खरबों डॉलर खर्च करने थे और हमारे साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार हो रहा था।’’ ट्रम्प ने जलवायु परिवर्तन पर पर्याप्त कदम नहीं उठाने के लिए भारत और चीन जैसे देशों पर बार बार आरोप लगाया है और कहा है कि इन देशों में हवा में सांस लेना नामुमकिन है।

ट्रम्प ने 2017 में अमेरिका को 2015 पेरिस जलवायु समझौते से खुद को अलग कर लिया था। वहीं, बाइडेन ने कहा कि उनके सत्ता में आने पर वह एक बार फिर अमेरिका को इस ऐतिहासिक पेरिस समझौते का हिस्सा बनाएंगे और प्रदूषण के लिए चीन की जवाबदेही तय करेंगे।

चीन, भारत को केवल हो रहा था पेरिस समझौते से फायदा

दूसरी ओर, ट्रम्प ने लगातार इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत जैसे देशों को ही पेरिस समझौते से फायदा पहुंच रहा है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण के लिए इन देशों को ही सबसे अधिक जिम्मेदार हैं।

राष्ट्रपति ने आरोप लगाया, ‘‘ पर्यावरण और ओजोन की बात करें तो हमारी स्थिति काफी बेहतर है। वहीं चीन, रूस, भारत ये सभी देश वायु को दूषित कर रहे हैं।’’ गौरतलब है कि चीन दुनिया को सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक है। इसके बाद दूसरे नंबर अमेरिका और फिर इस सूची में भारत और यूरोपीय संघ क्रमश: तीसरे तथा चौथे नंबर पर है। ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब नयी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है।

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