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अमेरिका ने भारत के पक्ष में लिया बड़ा फैसला, रूस से हथियार खरीद का रास्ता होगा साफ

By शिवेंद्र राय | Updated: July 15, 2022 12:45 IST

अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में पारित हुए संशोधन प्रस्ताव के पारित होने बाद भारत को रूस से हथियार खरीदने पर अमेरिकी प्रतिबंधो से छूट मिलने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि ये संशोधन अमेरिकी संसद के दोनों सदनों मे पारित होने के बाद ही कानून बन पाएगा।

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ठळक मुद्देभारत को अमेरिकी प्रतिबंधों से मिलेगी छूटभारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने पेश किया था प्रस्तावरूस से हथियार खरीदने का रास्ता होगा साफ

नई दिल्ली: भारत के लिए अमेरिका से राहत की एक बड़ी खबर सामने आई है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव) में एक प्रस्ताव पास किया गया है जिससे भारत को रूस से हथियार खरीदने पर अमेरिकी प्रतिबंधो से छूट मिल गई है। प्रतिनिधि सभा में गुरूवार को एक संशोधन प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव के पारित हो जाने पर भारत को रूसी हथियार खरीदने पर अमेरिकी कानून काटसा ( CAATSA) के तहत प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में ये संशोधन प्रस्ताव भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने प्रस्तुत किया था और बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों से अपील की थी कि वो भारत को काटसा कानून से छूट दें। रो खन्ना का मानना है कि भारत को चीनी आक्रामकता से निपटने के लिए रूसी हथियारों की जरूरत है। ऐसें में भारत पर रूस से हथियार खरीदने के लिए प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते।

क्या है काटसा ( CAATSA) कानून

'काटसा' एक सख्त अमेरिकी कानून है जो अमेरिका के व्यापारिक साझेदारों को ईरान, रूस और उत्तर कोरिया के साथ द्विपक्षीय कोरोबार, खासकर हथियार खरीदने से रोकता है। ये कानून साल 2017 मे बनाया गया था। इस कानून के चलते भारत और रूस के बीच एस-400 मिसाइल सौदे पर भी संकट के बादल मंडराने लगे थे लेकिन भारत ने देशहित में सौदा आगे बढ़ाने का फैसला किया था।

कौन हैं रो खन्ना

बता दें कि रो खन्ना अमेरिका में भारत सबंधी मामलों की समिति के उप प्रमुख हैं। रो खन्ना ने कहा कि, " अमेरिका को चीन की तरफ से बढ़ती आक्रमाकता को देखते हुए भारत के साथ खड़े होना चाहिए। इंडिया कॉकस के उपाध्यक्ष के तौर पर मैं दोनों देशों के बीच सहभागिता को मजबूत करने पर काम करता रहा हूं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारत चीन के साथ लगती सीमा पर अपनी सुरक्षा कर सके." 

साथ ही उन्होंने कहा, " यह संशोधन बहुत महत्वपूर्ण है और मैं अमेरिकी संसद में इसे पार्टीलाइन  से उपर उठ कर पास किए जाने पर गर्व महसूस कर रहा हूं।  यह कानून 2017 में लाया गया था और इसमें ऐसे किसी भी देश पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधान हैं जो रूसी हथियारों और खुफिया सेक्टर में उससे डील करे।"  

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