US: अमेरिका में व्हाइट हाउस के फायरिंग के बाद डोनाल्ड ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है कि वह हर चिंताजनक देश से आए इमिग्रेंट्स को जारी किए गए सभी ग्रीन कार्ड्स की सख्ती से दोबारा जांच करेगा। यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) के डायरेक्टर जोसेफ एडलो ने कहा कि उन्होंने US प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर हर चिंताजनक देश के हर एलियन के लिए हर ग्रीन कार्ड की पूरी तरह से, सख्ती से दोबारा जांच करने का निर्देश दिया है।
एडलो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “@POTUS के कहने पर, मैंने हर चिंताजनक देश के हर एलियन के लिए हर ग्रीन कार्ड की पूरी तरह से, सख्ती से दोबारा जांच करने का निर्देश दिया है।” उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और उसके लोगों की सुरक्षा सबसे जरूरी है और उन्होंने पिछली जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन पर लापरवाह रीसेटलमेंट पॉलिसीज रखने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “इस देश और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा सबसे ज़रूरी है, और अमेरिकी लोग पिछली सरकार की लापरवाह पुनर्वास नीतियों का खर्च नहीं उठाएंगे। अमेरिकी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।”
क्या ग्रीन कार्ड पर नई कार्रवाई से भारतीयों पर असर पड़ेगा?
गौरतलब है कि ग्रीन कार्ड होल्डर्स पर इस कार्रवाई से यूनाइटेड स्टेट्स में रहने वाले भारतीयों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। नई पॉलिसी गाइडेंस से USCIS अधिकारी इमिग्रेशन रिक्वेस्ट के रिव्यू के दौरान 19 तय ‘हाई-रिस्क देशों’ के देश-खास फैक्टर पर विचार कर सकेंगे। ये देश हैं अफ़गानिस्तान, म्यांमार, बुरुंडी, चाड, कांगो गणराज्य, क्यूबा, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लाओस, लीबिया, सिएरा लियोन, सोमालिया, सूडान, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेज़ुएला और यमन।
खबरों के मुताबिक, ये वही देश हैं जिन पर ट्रंप ने इस साल जून में जारी एक घोषणा में ट्रैवल बैन की घोषणा की थी। USCIS, जो डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्योरिटी के तहत आता है, ने घोषणा में कहा कि पॉलिसी गाइडेंस तुरंत लागू होगी और 27 नवंबर को या उसके बाद पेंडिंग या फाइल की गई रिक्वेस्ट पर लागू होगी।
US सरकार ग्रीन कार्ड जारी करती है, जिसे परमानेंट रेजिडेंस कार्ड भी कहा जाता है, जो होल्डर्स को कानूनी रेजिडेंट का स्टेटस देता है। यह स्टेटस एक तय समय (आमतौर पर तीन से पांच साल) के बाद US नागरिकता का रास्ता देता है और व्यक्ति को अनिश्चित काल तक देश में रहने और काम करने की अनुमति देता है।
क्या है पूरा मामला?
एक अफगान नागरिक रहमानुल्लाह लकनवाल ने बुधवार को वाशिंगटन, DC में व्हाइट हाउस के पास दो नेशनल गार्ड्स पर गोलियां चलाईं।
US आर्मी स्पेशलिस्ट सारा बेकस्ट्रॉम (20) की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि US एयर फ़ोर्स स्टाफ़ सार्जेंट एंड्रयू वोल्फ (24) की हालत गंभीर बनी हुई है।
लकनवाल 2021 में जो बाइडेन की सरकार के एक प्रोग्राम के तहत US आए थे, जिसके तहत अफ़गानिस्तान से US की अफ़रा-तफ़री के बाद हज़ारों अफ़गानों को निकाला गया और फिर से बसाया गया। ट्रंप के प्रेसिडेंट बनने के बाद उनके शरण देने की मंज़ूरी मिली।