लाइव न्यूज़ :

यूक्रेन संकट: UN सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर वोटिंग से अनुपस्थित रहने की भारत ने बताई यह वजह...

By विशाल कुमार | Updated: February 26, 2022 09:10 IST

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद में भारत के वोट न करने को लेकर कहा कि यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है। हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं।

Open in App
ठळक मुद्देयूएन सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने के लिए प्रस्ताव को 15 में से 11 देशों ने समर्थन दिया।इस प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अनुपस्थित रहे।भारत ने कहा कि मतभेदों और विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।

संयुक्त राष्ट्र:यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने वाले और उसके सैनिकों को तत्काल वापस बुलाने की मांग वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव पर वोटिंग से अनुपस्थित रहने के अपने फैसले का बचाव करते हुए भारत ने कहा कि सभी सदस्य देशों को मतभेदों और विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत में शामिल होना चाहिए और रूस-यूक्रेन संकट के मद्देनजर इसे छोड़ दिया गया।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद में भारत के वोट न करने को लेकर कहा कि यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है। हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं।

तिरुमूर्ति ने आगे कहा कि मतभेदों और विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है, चाहे वह इस समय कितना भी कठिन क्यों न हो। यह खेद की बात है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया। हमें उस पर लौटना होगा। इन सभी कारणों से, भारत ने इस प्रस्ताव से दूर रहने का विकल्प चुना है।

बता दें कि, 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश मसौदा प्रस्ताव पर मतदान किया और ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, जॉर्जिया, जर्मनी, इटली, लिकटेंस्टीन, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, रोमानिया और ब्रिटेन सहित 11 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। वहीं, इस प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अनुपस्थित रहे।

इस प्रस्ताव का गिरना तय था क्योंकि परिषद का स्थायी सदस्य होने के कारण रूस के पास वीटो शक्ति है। सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के कारण रूस के साथ अमेरिका, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन के पास वीटो शक्ति है।

टॅग्स :रूस-यूक्रेन विवादयूक्रेनरूसUN Security CouncilभारतTS Tirumurti
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

विश्व अधिक खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका