ब्रिटिश अदालत ने जूलियन असांजे को अमेरिका भेजने का दिया आदेश, गृहमंत्री प्रीति पटेल के पाले में पहुंची प्रत्यर्पण की गेंद
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 20, 2022 04:05 PM2022-04-20T16:05:48+5:302022-04-20T16:27:17+5:30
ब्रिटेन की अदालत ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के मामले में आदेश दिया है कि असांजे की फाइल ब्रिटेन की आंतरिक मंत्री प्रीति पटेल के पास भेजी जाएगी, जो तय करेंगी कि गोपनीय अमेरिकी दस्तावेजों को जारी करने के लिए विकीलीक्स के संस्थापक को अमेरिका डिपोर्ट किया जाना चाहिए या नहीं।
लंदन: विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को ब्रिटेन की अदालत ने बुधवार को इराक और अफगानिस्तान युद्धों से संबंधित गुप्त फाइलों को सार्वजनिक करने और उन्हें प्रकाशित करने के आरोपों के मामले में दर्ज मुकदमें में सुनवाई के लिए अमेरिका डिपोर्ट करने का आदेश जारी किया है।
जानकारी के मुताबिक इस संबंध में काननू प्रक्रिया लंबे समय से चल रही। इस मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए ब्रिटिश न्यायाधीश ने आदेश दिया कि जूलियन असांजे की फाईल ब्रिटेन की आंतरिक मंत्री प्रीति पटेल के पास भेजी जाएगी, जो तय करेंगी कि गोपनीय अमेरिकी दस्तावेजों को जारी करने के लिए विकीलीक्स के संस्थापक को अमेरिका डिपोर्ट किया जाना चाहिए या नहीं।
हालांकि प्रत्यर्पण आदेश पर प्रीति पटेल के दस्तखत होने के बाद भी असांजे ज्यूडिशियल रिव्यू के जरिए फैसले को चैलेंज कर सकते हैं। ज्यूडिशियल रिव्यू की प्रक्रिया में एक जज के अंडर में होती है, जो इस बात की जांच करता है कि सरकार ने जो फैसला लिया है वो सही है या फिर नहीं।
वहीं रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने जूलियन असांजे का समर्थन में प्रीति पटेल से आग्रह किया है कि वो असांदे के 'प्रत्यर्पण की फाइल पर साइन करने से मना कर दें। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स का कहना है कि पत्रकारिता और प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा' के लिए मंत्री प्रीति पटेल सहानुभूतिपूर्वक मामले में विचार करें।
मालूम हो कि साल 2010 में 50 साल के जूलियन असांजे ने विकीलीक्स के जरिये अमेरिका की कई सिक्रेट फाइलों को पब्लिक कर दिया था, जिसके कारण असांजे पर अमेरिका में जासूसी कानून तोड़ने सहित कई अन्य मामलों में कुल 18 आपराधिक केस दर्ज हैं लेकिन चूंकि असांजे अमेरिका की जमीन पर नहीं हैं, इसलिए वो सभी केस लंबित चल रहे हैं।