UN में तुर्किये के राष्ट्रपति ने फिर उठाया कश्मीर मुद्दा, पाकिस्तान का किया सर्मथन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 24, 2025 10:29 IST2025-09-24T10:27:06+5:302025-09-24T10:29:35+5:30
Turkey President On Kashmir:संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तय्यिप एर्दोआन ने कहा, "... हम पिछले अप्रैल में पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव के बाद हुए युद्ध विराम से खुश हैं, जो संघर्ष में बदल गया था... हम आशा करते हैं कि कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर, कश्मीर में हमारे बहनों और भाइयों के सर्वोत्तम हित में, बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।"

UN में तुर्किये के राष्ट्रपति ने फिर उठाया कश्मीर मुद्दा, पाकिस्तान का किया सर्मथन
Turkey President On Kashmir: तुर्किये के राष्ट्रपति तैयब एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार फिर कश्मीर मुद्दे का जिक्र किया और कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस साल संघर्ष के बाद हुए ‘‘संघर्षविराम’’ से उनका देश ‘‘खुश’’ है। एर्दोआन ने कहा कि आतंकवाद-रोधी प्रयासों में भारत और पाकिस्तान के बीच सहयोग देखना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर और कश्मीर के हमारे भाइयों और बहनों के हित में संवाद के माध्यम से होना चाहिए। हम यही उम्मीद करते हैं।’’
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘दक्षिण एशिया में हम शांति और स्थिरता को सर्वोच्च महत्व देते हैं। हमें खुशी है कि बीते अप्रैल में पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव के बाद संघर्षविराम स्थापित हुआ। ऐसा तनाव जो संघर्ष का रूप ले चुका था।’’
#WATCH | New York | At the 80th session of UNGA, Turkish President Recep Tayyip Erdoğan says, "... We are pleased with the ceasefire achieved following the tensions last April between Pakistan and India, which had escalated into a conflict... The issue of Kashmir should be… pic.twitter.com/YqWx3l5X1C
— ANI (@ANI) September 23, 2025
हाल के वर्षों में तुर्किये के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र में अपने संबोधन के दौरान बार-बार कश्मीर मुद्दे का जिक्र किया है। भारत ने सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गयी थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। भारत के हमलों के बाद चार दिन तक दोनों देशों के बीच झड़पें हुईं और आखिरकार 10 मई को सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनी।