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तुर्की में कमाल कर रहे हैं भारत की जूली और रोमियो, मलबे में खोज लेते हैं जिंदगी, 6 साल की मासूम की ऐसे बचाई जान

By शिवेंद्र राय | Updated: February 13, 2023 14:33 IST

राहत और बचाव कार्य में लगी एनडीआरएफ की टीम मलबे के पास पहले जूली को भेजती है। जब जूली भौंक कर जीवित इंसानों की संभावना के बारे में इशारा करती है तब पुष्टि के लिए रोमियो को भेजा जाता है। जब दोनो स्निफर डॉग मलबे में किसी के दबे होने का संकेत देते हैं तब एनडीआरएफ की टीम मलबे से लोगों को जीवित बाहर निकाल लेती है।

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ठळक मुद्देतुर्की में भारत की जूली और रोमियो का कमालमलबे में किसी के दबे होने का पता लगाते हैं स्निफर डॉगअब तक बचा चुके हैं कई जिंदगियां

नई दिल्ली: तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से अब तक 34000 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भूकंप के बाद कई बहुमंजिला इमारतें जमींदोज हो गई थीं जिनके मलबे से अब भी लोगों को निकाला जा रहा है। मलबे में दबी जिंदगी को बचाने की जद्दोजहद में तुर्की सेना और भारत से भेजी गई एनडीआरएफ की टीम के लिए दो स्निफर डॉग जूली और रोमियो सबसे बड़े मददगार साबित हो रहे हैं।

जूली और रोमियो के पास मलबे में दबे जिंदा लोगों को सूंघकर पहचानने की अद्भुत क्षमता है। दोनो मिलकर अब तक जानें बचा चुके हैं। हाल ही में भारतीय सेना और एनडीआरएफ की मदद से छह साल की एक बच्ची को मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया। इसे बचाने में जूली और रोमियो ने बड़ी भूमिका निभाई। 

तुर्की के नूरदागी में मलबे से लोगों को निकालने का अभियान चल रहा था। तभी एनडीआरएफ की लैब्राडोर जूली ने संकेत दिए कि मलबे की नीचे कोई दबा है। जब बचाव दल ने मलबा हटाया तो एक नीचे से एक बच्ची निकली। इस तरह जूली ने छः साल की बेरेन को मलबे में जिंदा दफन होने से बचा लिया। 

एनडीआरएफ के कांस्टेबल डॉग हैंडलर कुंदन कुमार ने कहा,"हमें जूली ने संकेत दिया कि लाइव विक्टिम है। इसके बाद हमने दूसरे कुत्ते रोमियो से भी चेक करवाया, जब उसने भी संकेत दिया तो हम वहां गए और बेरेन को बचाया।"

नूरदागी में 6 साल की बच्ची को बचाने से पहले 9 फरवरी को एनडीआरएफ ने राहत बचाव कार्य करते हुए गंजियतेप शहर में एक इमारत के मलबे से भी एक छोटी बच्ची को जिंदा बाहर निकाला था। इस बच्ची को भी निकालने के लिए एनडीआरएफ की मदद जूली और रोमियो ने की थी।

बता दें कि राहत और बचाव कार्य में लगी एनडीआरएफ की टीम मलबे के पास पहले जूली को भेजती है। जब जूली भौंक कर जीवित इंसानों की संभावना के बारे में इशारा करती है तब पुष्टि के लिए रोमियो को भेजा जाता है। जब दोनो स्निफर डॉग मलबे में किसी के दबे होने का संकेत देते हैं तब एनडीआरएफ की टीम मलबे से लोगों को जीवित बाहर निकाल लेती है।

टॅग्स :तुर्कीभूकंपएनडीआरएफसंयुक्त राष्ट्र
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