नई दिल्ली: 2008 के मुंबई हमले में शामिल आतंकवादियों को ट्रेनिंग में मदद करने वाले लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के नेता अब्दुल सलाम भुट्टावी की पाकिस्तानी जेल में मौत हो गई। भुट्टावी आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में सजा काट रहा था। उसे 2012 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा एक आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था।
इसके कई साल बाद पाकिस्तान द्वारा उसे आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की के साथ एक आतंक वित्तपोषण मामले में अगस्त 2020 में दोषी ठहराया गया था। भुट्टावी को साढ़े 16 साल की सजा सुनाई गई थी।
2002 और 2008 में पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा समूह के संस्थापक हाफिज सईद को हिरासत में लिए जाने पर लश्कर के कार्यवाहक प्रमुख के रूप में कार्य करने वाले भुट्टावी की मौत की घोषणा सोमवार देर रात आतंकी समूह से जुड़े कई संगठनों ने की। घोषणाओं में कहा गया है कि भुट्टावी की सोमवार दोपहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शेखपुरा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
लश्कर के फ्रंट संगठनों ने कथित तौर पर 78 वर्षीय भुट्टावी का अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह लाहौर के पास मुरीदके (आतंकी समूह के 'मरकज' या केंद्र) में आयोजित किया गया था। इसका एक वीडियो भी जारी किया। भारतीय खुफिया अधिकारियों ने भी मौत की पुष्टि की है, लेकिन कहा कि आगे की जानकारी तत्काल उपलब्ध नहीं है।
नवंबर 2008 में तीन दिनों में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों को निशाना बनाया, जिसमें अमेरिका और ब्रिटेन जैसे कई देशों के नागरिकों सहित कुल 166 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हुए थे। पाकिस्तान ने हमलों के लिए ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी सहित लश्कर-ए-तैयबा के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया था लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ी।
सितंबर 2011 में जब अमेरिकी राजकोष विभाग ने भुट्टावी पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि वह 20 वर्षों के लिए धन उगाहने, भर्ती करने और लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों को शिक्षित करने के लिए जिम्मेदार था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 2012 में अल-कायदा से जुड़े होने के लिए भुट्टावी को आतंकवादी के रूप में नामित किया था।
उस समय, सुरक्षा परिषद ने भुट्टावी को लश्कर के संस्थापक सदस्य और हाफिज सईद के डिप्टी के रूप में वर्णित किया।