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तमिल टाइगर विद्रोहियों के बीच हुए गृह युद्ध की समाप्ति के बाद से हजारों लोग ‘मर चुके’ हैं : श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे

By भाषा | Updated: January 21, 2020 15:31 IST

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, विभिन्न संघर्षों के कारण 20 हजार से अधिक लोग लापता हैं। श्रीलंकाई तमिलों के साथ उत्तर और पूर्व में तीन दशक तक चले अलगाववादी युद्ध सहित अन्य संघर्षों में कम से कम एक लाख लोग मारे गए। तमिलों ने आरोप लगाए कि 2009 में समाप्त हुए युद्ध के अंतिम चरण में हजारों लोगों की हत्या कर दी गई, जब सरकारी सुरक्षा बलों ने लिबरेशन टाईगर्स ऑफ तमिल इलम (लिट्टे) के प्रमुख वेल्लुपिल्लई प्रभाकरण को मार गिराया था।

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ठळक मुद्देश्रीलंका की सेना ने आरोपों से इंकार करते हुए दावा किया था कि उसने लिट्टे के नियंत्रण से तमिलों को मुक्त कराने के लिए मानवीय अभियान चलाया था।अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने दावा किया कि युद्ध के अंतिम चरण में कम से कम 40 हजार तमिल नागरिक मारे गए लेकिन सरकार ने आंकड़ों का खारिज कर दिया।

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे ने पहली बार स्वीकार किया कि एक दशक से भी अधिक समय पहले सरकार और तमिल टाइगर विद्रोहियों के बीच हुए गृह युद्ध की समाप्ति के बाद से लापता हजारों लोग ‘‘मर चुके’’ हैं। ‘कोलंबो गजट’ ने खबर दी कि श्रीलंका में तमिल अलगाववादी विद्रोहियों के साथ करीब 30 वर्ष तक चले गृह युद्ध को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गोटाभाया राजपक्षे ने पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय समन्वयक हाना सिंगर से कहा कि आवश्यक जांच पूरी होने के बाद इन लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के कदम उठाए जाएंगे। 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, विभिन्न संघर्षों के कारण 20 हजार से अधिक लोग लापता हैं। श्रीलंकाई तमिलों के साथ उत्तर और पूर्व में तीन दशक तक चले अलगाववादी युद्ध सहित अन्य संघर्षों में कम से कम एक लाख लोग मारे गए। तमिलों ने आरोप लगाए कि 2009 में समाप्त हुए युद्ध के अंतिम चरण में हजारों लोगों की हत्या कर दी गई, जब सरकारी सुरक्षा बलों ने लिबरेशन टाईगर्स ऑफ तमिल इलम (लिट्टे) के प्रमुख वेल्लुपिल्लई प्रभाकरण को मार गिराया था।

श्रीलंका की सेना ने आरोपों से इंकार करते हुए दावा किया था कि उसने लिट्टे के नियंत्रण से तमिलों को मुक्त कराने के लिए मानवीय अभियान चलाया था। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने दावा किया कि युद्ध के अंतिम चरण में कम से कम 40 हजार तमिल नागरिक मारे गए लेकिन सरकार ने आंकड़ों का खारिज कर दिया।

राष्ट्रपति कार्यालय ने राजपक्षे के हवाले से बताया कि लापता लोगों के मुद्दे के समाधान के लिए उन्होंने योजना बना ली है। 

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