विश्व कभी भी इतना विभाजित नहीं था, हमें जागने की जरूरत : संयुक्त राष्ट्र प्रमुख

By भाषा | Updated: September 21, 2021 20:41 IST2021-09-21T20:41:12+5:302021-09-21T20:41:12+5:30

The world was never so divided, we need to wake up: UN chief | विश्व कभी भी इतना विभाजित नहीं था, हमें जागने की जरूरत : संयुक्त राष्ट्र प्रमुख

विश्व कभी भी इतना विभाजित नहीं था, हमें जागने की जरूरत : संयुक्त राष्ट्र प्रमुख

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 21 सितंबर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने मंगलवार को विश्व नेताओं से कहा कि विश्व कभी भी इतना अधिक विभाजित नहीं हुआ था या इतना अधिक संकट से नही गुजरा था। उन्होंने कोविड -19 महामारी, जलवायु संकट और अफगानिस्तान और अन्य देशों में शांति को प्रभावित करने वाले उथल-पुथल का जिक्र करते हुए आगाह किया कि विश्व गंभीर संकट का सामना कर रहा है।

गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र की आम बहस की शुरुआत के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि मानवाधिकार निशाने पर है, विज्ञान पर हमले हो रहे हैं और सबसे कमजोर लोगों के लिए आर्थिक उम्मीद बहुत कम तथा बहुत देर से आ रही है। इसके लिए कार्रवाई में एकजुटता नहीं है जबकि दुनिया को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां आगाह कर रहा हूं: विश्व को जगना चाहिए। हम रसातल के कगार पर हैं और गलत दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमारी दुनिया के लिए कभी भी इतना अधिक संकट नहीं था। या इतनी अधिक विभाजित नहीं थी। हम अपने जीवन काल में सबसे बड़े संकटों का सामना कर रहे हैं।” पिछले साल कोविड -19 महामारी की तीव्रता के कारण वार्षिक उच्चस्तरीय सप्ताह भर की बैठक डिजिटल तरीके से की गयी थी। लेकिन इस बार यह ‘हाइब्रिड’ प्रारूप में लौट आया है जिसमें 100 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के साथ ही विदेश मंत्रियों और राजनयिकों को प्रतिष्ठित महासभा कक्ष में उपस्थित होकर संबोधित करने का कार्यक्रम है।

दुनिया के सामने मौजूद संकटों का जिक्र करते हुए गुतारेस ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने भयावह असमानताओं को बढा दिया है, वहीं जलवायु संकट ग्रह को परेशान कर रहा है, अफगानिस्तान से इथियोपिया से यमन और अन्य स्थानों पर उथल-पुथल ने शांति को बाधित कर दिया है और दुष्प्रचार लोगों का ध्रुवीकरण कर रही है और समाज को पंगु बना रही है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से 46 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गयी और वैश्विक स्तर पर 22.8 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हुए। इस बीमारी के टीके ने पहुंच और सामर्थ्य को लेकर विभिन्न देशों के बीच स्पष्ट असमानताओं को पर्दाफाश कर दिया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया भर में कोविड टीकों की 5.7 अरब से अधिक खुराक दी गयी लेकिन उनमें से केवल दो प्रतिशत ही अफ्रीका में हैं।

गुतारेस ने कहा, ‘‘शायद एक तस्वीर हमारे समय की कहानी स्पष्ट करती है। हमने ऐसी तस्वीर भी देखी जिसमें दुनिया के कुछ हिस्सों से कोविड टीके कूड़ेदान में थे, बर्बाद और बिना उपयोग के...।’’

उन्होंने कहा कि एक ओर जहां टीकों को रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया वहीं दूसरी ओर "हम देखते हैं कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी, स्वार्थ और अविश्वास की त्रासदी ने जीत को बेअसर बना दिया है.. कुछ देशों में अधिशेष (सरप्लस)। दूसर देशों में खाली अलमारियां। धनी दुनिया के अधिककर लोगों का टीकाकरण कर दिया गया। 90 प्रतिशत से अधिक अफ्रीकी अब भी अपनी पहली खुराक की प्रतीक्षा में हैं। यह हमारी दुनिया की स्थिति का एक नैतिक अभियोग है। यह अनैतिक है।’’

गुतारेस ने कहा कि दुनिया ने रिकॉर्ड समय में टीकों का उत्पादन करके विज्ञान की परीक्षा पास कर ली लेकिन हम नैतिकता में सफल नहीं हो रहे। उन्होंने टीकों के उत्पादन को कम से कम दोगुना करने के लिए वैश्विक योजना की तत्काल जरूरत को रेखांकित किया और यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि टीके 2022 की पहली छमाही में दुनिया की 70 प्रतिशत आबादी तक पहुंचें।

जलवायु परिवर्तन के संबंध में गुतारेस ने कहा, ‘‘तापमान में खासी वृद्धि, जैवविविधता में चौंकाने वाला नुकसान। प्रदूषित हवा, पानी और प्राकृतिक स्थान। हर मोड़ पर जलवायु संबंधी आपदाएं।’’ उनहोंने आगाह किया कि पेरिस जलवायु समझौते के 1.5 डिग्री सेल्सियस लक्ष्य को कायम रखने के अवसर तेजी से बंद हो रहे हैं। दुनिया को 2030 तक उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कटौती की जरूरत है, फिर भी वर्तमान राष्ट्रीय जलवायु प्रतिबद्धताओं के साथ, उत्सर्जन 2030 तक 16 प्रतिशत बढ़ जाएगा।

उन्होंने विश्व नेताओं से आग्रह किया कि "अब कार्रवाई करने का समय आ गया है।’’ उन्होंने कहा कि गहरी खाई को अब पाटा जाना चाहिए। उन्होंने विश्व नेताओं से शांति की खाई को पाटने का आह्वान किया।

गुतारेस ने कहा, "दुनिया भर में कई लोगों के लिए, शांति और स्थिरता सपना है। अफगानिस्तान में, जहां हमें मानवीय सहायता को बढ़ावा देना चाहिए और मानवाधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के।" उन्होंने कहा कि दुनिया को म्यांमार में लोकतंत्र, शांति, मानवाधिकारों और कानून के शासन की आकांक्षा वाले लोगों को समर्थन की पुष्टि करनी चाहिए।

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Web Title: The world was never so divided, we need to wake up: UN chief

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