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फाइजर का टीका 16 से 39 आयु वर्ग को लगाने की खबर स्वागत योग्य

By भाषा | Updated: August 21, 2021 12:32 IST

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(कैथरीन बेनेट, डेकिन विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान की अध्यक्ष)गीलॉन्ग (ऑस्ट्रेलिया), 21 अगस्त (द कन्वरसेशन) प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को एलान किया कि फाइजर का टीका 30 अगस्त से 16 से 39 वर्ष की आयु वाले सभी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के लिए उपलब्ध होगा।इससे यह संकेत मिलता है कि ऑस्ट्रेलिया की 70 प्रतिशत आबादी को नवंबर तक और 80 प्रतिशत को दिसंबर तक पूरी तरह से टीका लगा दिया जाएगा। युवाओं में कोविड-19 संक्रमण की अधिक दर और संक्रमण फैलाने में उनकी भूमिका को देखते हुए यह एक अच्छी खबर है। इस समूह में टीकाकरण बढ़ाना वायरस पर नियंत्रण पाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।युवाओं को टीका लगाना क्यों महत्वपूर्ण है :न्यू साउथ वेल्स में हमने युवाओं में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बारे में सुना। हम विक्टोरिया में भी यह सुन रहे हैं। यह इसलिए क्योंकि इस आयु वर्ग के लोगों की गतिविधियां अधिक हैं। महामारी के दौरान संक्रमण के अधिक मामले 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में आए हैं। न्यू साउथ वेल्स से आ रहे आंकड़ें भी यह संकेत देते हैं कि महामारी की शुरुआत के मुकाबले अब अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की अधिक संख्या युवाओं की है।डोहर्टी इंस्टीट्यूट ने हाल ही में बताया कि युवा और कामकाजी श्रेणी के लोग कोविड-19 संक्रमण को अधिक फैला रहे हैं और उसने कहा कि 20 तथा 30 वर्ष की आयु श्रेणी वाले लोगों को टीका लगाने से संक्रमण की दर कम होगी।फाइजर का कोविड-19 रोधी टीका 16 से 39 आयु वर्ग के लोगों को लगाने से संक्रमण की दर कम होगी। एस्ट्राजेनेका को न भूलें :यह खबर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो फाइजर टीका लगवाने के लिए योग्य होने का इंतजार कर रहे थे और अब वे टीका लगवाने के लिए जल्द से जल्द समय लेने की कोशिश करेंगे। लेकिन उन्हें हफ्तों तक इंतजार करना पड़ सकता है। इसलिए अगर आप एस्ट्राजेनेका का टीका लगवाने पर विचार कर रहे हैं या आपने इसके लिए समय ले लिया है तो एस्ट्राजेनेका का टीका ही लगवा लें।यह प्रभावी टीका है और इसकी खुराक लेने के बाद गंभीर रूप से बीमार पड़ने का खतरा बहुत कम है।मिश्रित टीका लगवाने के बारे में क्या कहा जा सकता है?कई देशों में अलग-अलग टीकों की खुराक लेने की संभावनाएं तलाशी जा रही है। एक ही टीके की दो खुराक लेने के बजाय अलग-अलग टीके की खुराक लेना अधिक प्रभावी हो सकता है। डेल्टा स्वरूप के फैलने के बीच टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण होता जा रहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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