नई दिल्ली: आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 1.1 अरब डॉलर की मदद मिलनी थी। लेकिन दोनों पक्षों के बीच बातचीत बेनतीजा निकलने के बाद आईएमएफ ने पाकिस्तान को फंड देने से इनकार कर दिया था। अब एक बार फिर से सोमवार, 13 फरवरी से पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच बातचीत शुरू होगी।
समाचार एजंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा है कि पाकिस्तान आईएमएफ के साथ फंडिंग जारी करने की शर्तों पर सहमत हो गया है, जो पिछले दिसंबर से लंबित है। उन्होंने देरी के लिए "नियमित प्रक्रियाओं" का हवाला देते हुए कहा कि सोमवार को वार्ता फिर से शुरू होगी। डार ने कहा, "हमारी टीमों के बीच जो भी सहमति बनी है, हम उसे लागू करेंगे।"
क्या है मामला
आईएमएफ से हुए एक करार के मुताबिक पाकिस्तान को 6.5 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मिलना था। इसकी पहली किश्त के रुप में पाकिस्तान को 1.1 अरब डॉलर की मदद मिलनी थी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बेलआउट पैकेज के लिए पाकिस्तान सरकार के सामने कुछ शर्तें रखी थीं जिन्हें सरकार नहीं पूरा कर सकी।
आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार को साफ-साफ बता दिया था कि बेलआउट पैकेज के लिए पाकिस्तान सरकार को सब्सिडी घटानी होगी और अपना राजस्व स्थायी तौर पर बढ़ाना होगा इसके अलावा भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने होंगे ताकि वापस भुगतान में कोई समस्या न हो।
पाकिस्तान ये शर्तें समय पर पूरी नहीं कर पाया। लेकिन अब वित्त मंत्री इशाक डार का कहना है कि मदद के लिए सारी शर्तों को पूरा किया जाएगा। बता दें कि तीन फरवरी 2023 को जारी किए गए आंकड़े के अनुसार पाकिस्तान के पास सिर्फ 2.91 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा रह गया था। देश को चलाने और जरूरी वस्तुओं के आयात के लिए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से तत्काल 1.1 अरब डॉलर की मदद की जरूरत है।