लाइव न्यूज़ :

अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन सुनिश्चित किए जाने तक तालिबान सरकार को ब्रिक्स से मान्यताा नहीं : दक्षिण अफ्रीकी विदेश मंत्री

By भाषा | Updated: September 10, 2021 20:05 IST

Open in App

(फाकिर हसन)

जोहानिसबर्ग, दस सितंबर दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री नलेदी पंडूर ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिक्स देशों ने इस बात पर सहमति जताई है कि वे अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को तब तक मान्यता नहीं देंगे जब तक कि उन्हें आश्वासन नहीं मिलता कि काबुल में सत्ता पर काबिज हुआ संगठन अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का पालन करेगा।

बृहस्पतिवार को हुए पांच देशों के समूह के डिजिटल शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने हिस्सा लिया था।

पंडूर ने रेडियो स्टेशन ‘702’ से कहा, ‘‘हमने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (बृहस्पतिवार को) किया जिसमें हमारे राष्ट्रपति ने अपने विचार रखे और ब्रिक्स ने एक बयान जारी किया जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि हम अफगानिस्तान में लोकतंत्र की बहाली और वहां के लोगों के लिए मानवाधिकारों की स्वतंत्रता चाहते हैं।’’

ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) समूह में दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देश शामिल हैं जो वैश्विक आबादी का 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 16 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है।

पंडूर ने कहा, ‘‘हमें जब तक आश्वासन नहीं दिया जाता कि जो सरकार बनी है, वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के सिद्धांतों का पालन करने की मंशा रखती है तब तक हम किसी भी तरह की मान्यता नहीं देंगे।’’

मंत्री ने यह भी बताया कि दक्षिण अफ्रीका ने क्यों अफगान शरणार्थियों को जांच के वास्ते अंतरिम ठहराव के लिए स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

पंडूर ने कहा, ‘‘हमें दक्षिण अफ्रीका के वकीलों से पत्र मिला कि हमारे यहां दो हवाई जहाजों में सवार लोग आएंगे जिन्होंने पाकिस्तान में शरण मांगी है, लेकिन उन्हें दक्षिण अफ्रीका लाया जाएगा ताकि अमेरिकी अधिकारी यहां उनकी जांच कर सकें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सर्वप्रथम हम जांच केंद्र नहीं हैं और दूसरी बात अगर ये शरणार्थी हैं तथा उन्हें पाकिस्तान जाना है तो ऐसा कोई अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं है कि उनकी जांच किसी तीसरे देश में की जाए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठPanchang 07 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 07 December 2025: आज इन 3 राशियों के लिए दिन रहेगा चुनौतीपूर्ण, वित्तीय नुकसान की संभावना

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम

भारतरेलवे ने यात्रा नियमों में किया बदलाव, सीनियर सिटीजंस को मिलेगी निचली बर्थ वाली सीटों के सुविधा, जानें कैसे

विश्व अधिक खबरें

विश्व‘बार’ में गोलीबारी और तीन बच्चों समेत 11 की मौत, 14 घायल

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद