नई दिल्ली: चीन और ताइवान के बीच वर्षों से जारी तनातनी किसी से छुपी नहीं है। पिछले कुछ सालों में ताइवान को लेकर चीन काफी आक्रामक भी हुआ है। चीनी लड़ाकू विमानों के ताइवान के बेहद नजदीक से उड़ान भरने की घटनाएं आम बात हो गई हैं। अब चीन की तरफ से भारी खतरे को देखते हुए ताइवान भी अपनी सुरक्षा तैयारियां पुख्ता करने में जुट गया है। हाल ही में ताइवान से कुछ ऐसी तस्वीरें आई हैं जो चीन की परेशानी बढ़ा सकती हैं। ताइवान ने चीनी लड़ाकू विमानों के हमले से बचने और जवाबी कार्रवाई करने के लिए जमीन के अंदर ऐसे अत्याधुनिक बंकर बनाए हैं जहां लड़ाकू विमान खड़े हो सकते हैं। इन बंकरों को जमीन के अंदर बना वायुसेना बेस भी कह सकते हैं।
हाल ही में इन बंकरों की बेहद दुर्लभ तस्वीरें जारी की गई हैं जिनमें ताइवानी सेना के इंजीनियर लडाकू विमान में मिसाइल, रॉकेट और बम लगाते देखे जा सकते हैं। हालांकि ये बंकर कहां स्थित हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है। चीनी हमले का मुहतोड़ जवाब देने के लिए ताइवानी वायु सेना लगातार अभ्यास भी करती रहती है। ताइवानी पायलट इन भूमिगत अड्डों से ही विमान लेकर निकलते हैं और वापस वहीं अंदर चले जाते हैं। सामने आई इन बेहद दुर्लभ तस्वीरों में ताइवानी सैनिक अमेरिका में बने लड़ाकू विमान एफ-16 में हार्पून मिसाइल फिट करते दिख सकते हैं। हार्पून मिसाइलें समुद्र में बड़े युद्धपोतों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।
क्या है चीन-ताइवान विवाद
ताइवान चीन की मुख्य भूमि से लगभग 180 किलोमीटर दूर समुद्र में बसा एक द्वीप देश है। चीन स्व-शासित ताइवान को अपने एक प्रांत के रूप में देखता है। चीन का मानना है कि ताइवान उसका हिस्सा होना चाहिए। ऐसा करने के लिए चीन सैन्य हस्तक्षेप करने के लिए भी तैयार है। दूसरी ओर, ताइवान खुद को एक आजाद देश मानता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बार-बार इस बात को दोहराते हैं कि ताइवान के साथ चीन का फिर से एकीकरण ज़रूर होगा। उन्होंने यह लक्ष्य पाने के लिए ताक़त का इस्तेमाल करने की संभावनाओं को खारिज नहीं किया है। यही कारण है कि चीनी खतरे से निपटने के लिए ताइवान लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है।