सर्वे: खर्चे के कारण 10 में से एक वयस्क कोरोना वायरस का इलाज नहीं कराएंगे
By भाषा | Updated: April 28, 2020 18:06 IST2020-04-28T18:06:33+5:302020-04-28T18:06:33+5:30
कोरोना वायरस से चलते पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा तबाही अमेरिका में ही हुई है. अमेरिका में अब तक कोरोना वायरस के 10 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं और 56 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

लोकमत फाइल फोटो
अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण बंद की गयी कई गतिविधियों को चालू किए जाने की तैयारियों के बीच, 10 में से एक वयस्क का कहना है कि अगर उन्हें लगा कि वे संक्रमित हैं तो वे उपचार करवाने से बचेंगे। एक सर्वेक्षण से यह बात सामने आयी है। ‘गैलप-वेस्ट हेल्थ हेल्थकेयर कॉस्ट’ सर्वेक्षण के मंगलवार को सामने आए नतीजे से पता चलता है कि संक्रमण से प्रभावित होने का पता चलने के बावजूद उपचार पर होने वाले खर्चे के कारण 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के नौ प्रतिशत लोग इलाज करवाने से परहेज कर सकते हैं।
सर्वेक्षण के मुताबिक बुखार, खांसी होने के बावजूद 14 प्रतिशत लोग पैसे नहीं होने के कारण इलाज से कतराएंगे। संसद और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मरीजों में कोरोना वायरस की जांच निशुल्क कर दी है। कुछ बीमा कंपनियों ने भी नेटवर्क अस्पताल के भीतर जांच पर छूट दी है लेकिन सर्वेक्षण से पता चलता है कि ये उपाय काफी नहीं हैं।
ट्रस्ट फॉर अमेरिका हेल्थ के प्रमुख जॉन ओरबाक ने कहा कि सर्वेक्षण से महत्वपूर्ण और परेशान करने वाले तथ्य सामने आए हैं । उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि नीति निर्माता इस पर ध्यान देंगे। अगर इतने लोग इलाज करवाने से परहेज करेंगे तो आगे दिक्कतें हो सकती है।’’
ओरबाक ने कहा , ‘‘बड़े स्तर पर जांच किए बिना पाबंदियों में ढील देना समस्या को और बढ़ाने जैसा होगा।’’ विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण रोकने के लिए तीन तरह की रणनीति अपनाने की जरूरत है। जांच, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना और बीमार लोगों का उपचार। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर बीमार लोग इलाज करवाने ही नहीं आएंगे तो सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों को कुछ पता ही नहीं चलेगा। सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि अल्पसंख्यक समूहों के सदस्य, युवा और हर साल 40 हजार डॉलर से कम आमदनी वाले ज्यादातर लोग आर्थिक कारणों से उपचार करवाने से बच सकते हैं।