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नेपाल के आंतरिक मामलों में चीनी राजदूत होउ यांकी की दखलअंदाजी के खिलाफ काठमांडू में छात्रों ने किया प्रदर्शन

By भाषा | Updated: July 7, 2020 19:42 IST

चीनी राजदूत होउ यांकी ने पिछले दिनों एनसीपी के शीर्ष नेता और पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खनाल से बातचीत की। इसी को लेकर छात्रों ने आज चीनी राजदूत के खिलाफ प्रदर्शन किया।

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ठळक मुद्देनेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली का भविष्य अब बुधवार को तय होगा। इस संबंध में नेपाल के सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की स्थायी समिति की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। प्रधानमंत्री द्वारा एकतरफा तरीके से संसद के बजट सत्र को स्थगित करने के बाद एनसीपी के दो धड़ों के बीच मतभेद गहरा गया है।

काठमांडू: नेपाल के आंतरिक मामलों में चीनी राजदूत होउ यांकी की दखलअंदाजी के खिलाफ दर्जनों छात्रों ने मंगलवार को चीनी दूतावास के सामने प्रदर्शन किया। मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई नेपाल स्टूडेंट्स यूनियन के कार्यकर्ताओं ने दूतावास के सामने प्रदर्शन किया।

इस्तीफे के लिए दबाव का सामना कर रहे प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली का पद बचाने के लिए चीनी राजदूत ने सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कई नेताओं के साथ बातचीत की है। ओली को चीन की तरफ झुकाव रखने के लिए जाना जाता है । होउ ने पिछले दिनों एनसीपी के शीर्ष नेता और पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खनाल से बातचीत की।

प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली का भविष्य अब बुधवार को तय होगा। इस संबंध में सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की स्थायी समिति की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं के साथ चीनी राजदूत की सिलसिलेवार बैठक को कई नेताओं ने नेपाल के आंतरिक राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप बताया है।

यह कोई पहला मामला नहीं है जब चीनी राजदूत ने संकट के समय नेपाल के आंतरिक मामले में दखल दी है। करीब डेढ़ महीने पहले भी पार्टी के भीतर गतिरोध बढ़ने पर राजदूत ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तथा प्रचंड समेत अन्य नेताओं के साथ अलग-अलग मुलाकात की थी।

प्रधानमंत्री द्वारा एकतरफा तरीके से संसद के बजट सत्र को स्थगित करने के बाद एनसीपी के दो धड़ों के बीच मतभेद गहरा गया है। पार्टी का एक धड़ा ओली के समर्थन में हैं जबकि दूसरा धड़ा कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ का समर्थन करता है। प्रचंड के खेमे को वरिष्ठ नेता माधव नेपाल और झलनाथ खनाल का समर्थन है और वे ओली का इस्तीफा मांग रहे हैं। 

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