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आज रात दिखेगा 'स्ट्रॉबेरी मून', चांद के ठीक बगल में घटेगी एक खास खगोलीय घटना भी

By गुलनीत कौर | Published: June 28, 2018 6:03 PM

खगोलशास्त्री के मुताबिक जब सूर्य उच्च और चन्द्रमा निम्न स्थान पर होता है, तब चांद पर पर सूर्य का गुलाबी शेड बनता है।

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आपने ब्लू मून के बारे सुना होगा, रेड मून या ब्लड मून भी सुना होगा, लेकिन आज हम आपको स्ट्रॉबेरी मून के बारे में बताएंगे। यह भी एक प्रकार की खगोलीय घटना ही है, जिसे देख लोग अचंभित रह जाते हैं। और यह हैरान करने वाली घटना आज रात ही आकाश में दिखाई देगी। 

जी हां, आज रात का आसमान स्ट्रॉबेरी मून को लेकर आएगा। लोगों को आज रात आकाश में गुलाबी रंग का चांद देखने को मिलेगा। नासा के अनुसार आज पूरी दुनिया इस चमत्कारी खगोलीय घटना की साक्षी बनेगी। नासा की मानें तो दुनिया के कुछ हिस्सों में इस स्ट्रॉबेरी मून के बिलकुल साथ में एक और चीज भी दिखाई देगी। देखने में शायद वह किसी बड़े तारे जैसा लगे, लेकिन वह शनि ग्रह होगा। यह एक खास प्रकार की खगोलीय घटना होगी जिसे वर्षों बाद दुनिया देख पाएगी। 

क्या है स्ट्रॉबेरी मून?

वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार जून के महीने में दिखने वाले फुल मून यानी पूर्णिमा की रात को दिखने वाले पूर्ण आकार के चांद को ही 'स्ट्रॉबेरी मून' कहा जाता है। दुनिया के कुछ हिस्सों में इसे 'हनी-मून' के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि किसानों ने जून के महीने की पूर्णिमा को स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना है, इसलिए भी इसका नाम स्ट्रॉबेरी मून है। अमेरिका के विभिन्न क्षेत्रों में महीने के हिसाब से ऐसे नाम रखे गए हैं।

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हर महीने के चांद का एक नाम

जैसे जून महीने के पूर्णिमा के चांद को स्ट्रॉबेरी मून कहा जाता है, इसी तरह से हर सीजन के चांद को एक नाम दिया गया है। जनवरी के पूर्ण चांद का नाम 'वुल्फ मून' है तो फरवरी के मून को 'स्नो मून' कहा जाता है। मार्च एक मून को 'वार्म', मई के मून को 'फ्लावर', जुलाई को 'बक', सितंबर को 'कॉर्न', नवंबर को 'बीवर' और दिसंबर के फुल मून को 'कोल्ड मून' कहा जाता है। हर सीजन के पूर्ण चांद के नाम रखे जाने के पीछे एक खास कारण भी है। 

जून का 'हनी-मून'

खगोलशास्त्री के मुताबिक जब सूर्य उच्च और चन्द्रमा निम्न स्थान पर होता है, तब चांद पर पर सूर्य का गुलाबी शेड बनता है। इसी कारण से वह हलके गुलाबी रंग का दिखने लगता है। लेकिन यह नजारा बेहद खूबसूरत होता है।

टॅग्स :पूर्णिमा
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