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श्रीलंका: मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जन बालवेग्या ने कहा, 'गोटबाया राजपक्षे पर चलना चाहिए धन दुरुपयोग का मुकदमा'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 21, 2022 21:17 IST

श्रीलंका की मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जन बालवेग्या ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को स्वदेश लौटने का पूरा हक हैं लेकिन स्वदेश वापसी के बाद उन पर देश के धन के दुरुपयोग का केस चलाया जाना चाहिए।

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ठळक मुद्देश्रीलंका की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने कहा गोटबाया राजपक्षे पर धन के दुरुपयोग का केस चलना चाहिएविपक्षी दल समागी जन बालवेग्या ने कहा है कि गोटबाया राजपक्षे को स्वदेश लौटने का पूरा हक हैंदेश के संविधान के अनुसार गोटबाया राजपक्षे को इस अपराध के लिए कोई कानूनी छूट नहीं मिलेगी

कोलंबो: आर्थिक संकट का सामना कर रहे पड़ोसी मुल्क श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के स्वदेश वापसी की अटकलों के बीच मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेग्या ने कहा है कि गोटबाया राजपक्षे को स्वदेश लौटने का पूरा हक हैं लेकिन स्वदेश वापसी के बाद उन पर देश के धन के दुरुपयोग का केस चलाया जाना चाहिए क्योंकि वो कानूनी से उपर नहीं है और न ही कानून में उन्हें रियायत मिलने का प्रावधान है।

पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे उस समय पद से इस्तीफा देकर देश से फरार हो गए थे, जब श्रीलंका की जनता उनके अर्थव्यवस्था कुप्रबंधन के कारण हिंसक विद्रोह पर उतर गई थी और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास पर हमले के लिए आमादा हो गई थी।

अब कहा जा रहा है कि गोटबाया राजपक्षे स्वदेश वापसी करना चाहते हैं। लेकिन उनके इस संभावित वापसी पर विपक्षी दल हमलावर हो गये हैं। इस संबंध में समागी जन बालवेग्या के वरिष्ठ नेता अजित परेरा ने कहा, "गोटाबाया राजपक्षे इस देश के नागरिक हैं और मातृभूमि पर लौटने का पूरा अधिकार है और कोई भी उनके इस अधिकार से इनकार नहीं कर रहा है लेकिन वापसी के बाद उन पर देश के धन के दुरुपयोग के आरोपों में मुकदमा चलाया जाना चाहिए।"

इसके साथ ही परेरा ने यह भी कहा, "उनके खिलाफ कथित तौर पर अपने माता-पिता के स्मारक के लिए राज्य के फंड को खर्च करने का मामला है। उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा और अगर उस मामले में वो दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें दंडित भी किया जाएगा क्योंकि देश के संविधान के अनुसार उन्हें इस मामले में कोई कानूनी छूट नहीं मिलेगा।"

पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे पर समागी जन बालवेग्या का यह भी आरोप है कि गोटबाया सरकार ने भारत से मिले 1 बिलियन अमरीकी डालर की ऋण का गलत कार्यों में दुरुपयोग किया है जबकि भारतीय सहायता से तत्कालीन सरकार वित्तीय समस्या से काबू पा सकती थी और उससे श्रीलंका को अभूतपूर्व आर्थिक संकट से निपटने में प्रभावी मदद मिलती।

श्रीलंका में विपक्षी दल गोटबाया को सजा देने की मांग भले कर रहे हों लेकिन श्रीलंका के संविधान के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपतियों को व्यक्तिगत सुरक्षा और कर्मचारियों के साथ एक कार्यालय सहित अन्य तमाम विशेषाधिकार भी प्राप्त हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि स्वदेश वापसी के बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पर मौजूदा सरकार किस तरह से मुकदमा चलाती है।

मालूम हो कि बीते गुरुवार को एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका आने की बजाय यूएस ग्रीन कार्ड के लिए भी आवेदन कर सकते हैं क्योंकि उनकी पत्नी लोमा राजपक्षे के पास अमेरिकी नागरिकता है। इस कारण राजपक्षे अमेरिका में ग्रीन कार्ड का आवेदन करने के योग्य हैं।

टॅग्स :Gotabaya RajapaksaSri Lanka
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