श्रीलंका में पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या भी उतरे सड़कों पर, बोले- हम जीतेंगे
By शिवेंद्र राय | Published: July 9, 2022 05:20 PM2022-07-09T17:20:28+5:302022-07-09T17:23:57+5:30
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पर लगातार इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है। राष्ट्रपति आवास को ही अपने कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे गोटबाया ने कोलंबो में प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही आवास खाली कर दिया था।
कोलंबो: श्रीलंका में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर सनथ जयसूर्या भी सड़क पर उतर गए हैं। ये प्रदर्शन श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का साथ देते हुए पूर्व क्रिकेटर जयसूर्या ने कहा कि, मैं हमेशा श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा रहूंगा। हम जल्द ही जीत का जश्न मनाएंगे। ये सब बिना किसी हिंसा के शांतिपूर्ण तरीके से होगा।
Ialways stand with the People of Sri Lanka. And will celebrate victory soon. This should be continue without any violation. #Gohomegota#අරගලයටජයpic.twitter.com/q7AtqLObyn
— Sanath Jayasuriya (@Sanath07) July 9, 2022
राष्ट्रपति के घर पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा
श्रीलंका में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए शनिवार को उनके आधिकारिक आवास में घुस गए। सुरक्षा में तैनात जवानों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। श्रीलंकाई राष्ट्रपति परिवार सहित आधिकारिक आवास छोड़कर भाग गए हैं।
बता दें कि श्रीलंका में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं। यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच चल रहे टेस्ट मैच के दौरान प्रदर्शनकारी स्टेडियम तक भी पहुंच गए। ये मैच गाले में खेला जा रहा है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने हालात से निपटने के लिए तुरंत एक आपात भैठक भी बुलाई है।
इसलिए हो रहे हैं प्रदर्शन
श्रीलंका में सरकार की खराब नीतियों के कारण आर्थिक हालात बेहद खराब हो गए हैं। देश में खाद्यान और ईंधन का संकट खड़ा हो गया है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि लोगों को रोजमर्रा के जरूरत के सामान भी नहीं मिल रहे हैं। मंहगाई बेतहाशा बढ़ गई है। इन्हीं हालातों की वजह से राष्ट्रपति पर पद छोड़ने का दबाव लगातार बढ़ रहा था। राष्ट्रपति के कार्यालय पर प्रदर्शनकारी पहले ही कब्जा कर चुके थे। कार्यालय पर कब्जा करने के बाद से ही राष्ट्रपति अपने आवास को कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे।