सिंगापुर की अदालत ने मादक पदार्थों की तस्करी के दोषी भारतीय मूल के दो लोगों की मौत की सजा बरकरार रखी

By भाषा | Updated: November 27, 2021 10:59 IST2021-11-27T10:59:15+5:302021-11-27T10:59:15+5:30

Singapore court upholds death sentence of two Indian-origin men convicted of drug trafficking | सिंगापुर की अदालत ने मादक पदार्थों की तस्करी के दोषी भारतीय मूल के दो लोगों की मौत की सजा बरकरार रखी

सिंगापुर की अदालत ने मादक पदार्थों की तस्करी के दोषी भारतीय मूल के दो लोगों की मौत की सजा बरकरार रखी

(गुरदीप सिंह)

सिंगापुर, 27 नवंबर सिंगापुर की सर्वोच्च अदालत ने मार्च 2016 में 1.34 किलोग्राम मादक पदार्थ की तस्करी की साजिश रचने का दोषी ठहराए गए भारतीय मूल के दो व्यक्तियों की मौत की सजा को बरकरार रखा है। अखबार ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ ने यह खबर दी।

भारतीय मूल के मलेशियाई कमलनाथन मुनियांडी (27) और भारतीय मूल के सिंगापुरी नागरिक चंद्रू सुब्रमण्यम (52) ने अपराध में संलिप्तता और मादक पदार्थ की जानकारी होने से इनकार किया था।

अपीलीय अदालत ने मामले में शामिल एक तीसरे व्यक्ति भारतीय मूल के मलेशियाई नागरिक प्रवीणाश चंद्रन (26) की अपील को भी शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसे मादक पदार्थ रखने के जुर्म में आजीवन कारावास और 15 बेंत मारने की सजा सुनाई गई थी।

इससे पहले, उच्च न्यायालय ने पाया था कि प्रवीणाश मादक पदार्थ का मात्र वाहक था और अभियोजन पक्ष ने प्रमाणित किया था कि उसने मादक पदार्थों की तस्करी गतिविधियों को रोकने में मदद की थी। पांच मार्च, 2016 को कमलनाथन और प्रवीणाश दक्षिणी प्रायद्वीपीय मलेशिया को जोड़ने वाले मार्ग वुडलैंड्स चेकपॉइंट से होते हुए सिंगापुर पहुंचे।

जब वे क्रांजी एमआरटी रेलवे स्टेशन पहुंचे तो प्रवीणाश के झोले में नशीले पदार्थ रखे गए थे। इसके बाद दोनों व्यक्ति पास की एक कॉफी शॉप में गए जहां कमलनाथन ने सुरेन नाम के एक व्यक्ति को बुलाया। बाद में वे क्रांजी रोड गए, जहां उन्होंने चंद्रू से संपर्क स्थापित किया, जिसने उन्हें पैसे और प्लास्टिक के खाली बैग दिए।

इन तीनों को अलग होने के तुरंत बाद सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो (सीएनबी) के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने शुक्रवार को जारी एक फैसले में कहा कि मादक पदार्थ प्रवीणाश के झोले में पाए गए थे।

‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ की खबर के अनुसार अपीलीय अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इन तीनों की सजा को पलटने या उनकी अनिवार्य सजा को कम करने का कोई आधार नहीं है।

मीडिया में आई खबरों के अनुसार, मादक पदार्थ से जुड़े एक अन्य मामले में भारतीय मूल का मलेशियाई मादक पदार्थ तस्कर पन्नीर सेल्वम प्रंथमान (34) मौत की सजा के खिलाफ अदालत में चुनौती पेश करने की अपनी अपील में विफल रहे। पन्नीर को 2017 में सिंगापुर में 51.84 ग्राम हेरोइन आयात करने का दोषी ठहराया गया था और अनिवार्य मौत की सजा सुनाई गई थी।

अपीलीय अदालत ने न्यायिक समीक्षा कार्यवाही शुरू करने की अनुमति के संबंध में पन्नीर के आवेदन को खारिज कर दिया। पन्नीर के वकील ने संवाददाताओं को बताया कि उनके मुवक्किल को कोई और आवेदन दायर करने के निर्देश नहीं दिए गए हैं।

शीर्ष अदालत का फैसला इस बात पर टिका था कि क्या पन्नीर द्वारा केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीएनबी) को दी गई जानकारी ने मादक पदार्थों की तस्करी गतिविधि को रोकने में जांच एजेंसी की मदद की थी या नहीं।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग अधिनियम के तहत मादक पदार्थ तस्करी के केवल वाहक रहे आरोपियों को मृत्युदंड के बजाय आजीवन कारावास और बेंत मारने की सजा दी जा सकती है।

पन्नीर ने दलील दी थी कि उसने जानकारी प्रदान की थी जिसके कारण ज़मरी मोहम्मद ताहिर नामक नशीली दवाओं के एक तस्कर की गिरफ्तारी हुई। उसने अनुरोध किया कि उसे वास्तविक सहायता का प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए।

फरवरी 2018 में अपील खारिज होने के बाद पन्नीर और उनके परिवार ने राष्ट्रपति हलीमा याकूब को क्षमादान याचिकाएं प्रस्तुत कीं, जिन्हें खारिज कर दिया गया।

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Web Title: Singapore court upholds death sentence of two Indian-origin men convicted of drug trafficking

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