इस्लामाबाद: सियालकोट के एक निवासी को आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) द्वारा एक साल कारावास की सजा सुनाई गई है। 27 वर्षीय इस शख्स ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें उसने श्रीलंकाई नागरिक की लिंचिंग का समर्थन किया था। मामले में सजा पाने वाले शख्स का नाम मोहम्मद अदनान है।
पिछले साल श्रीलंकाई नागरिक प्रियंथा कुमारा को ईश निंदा के आरोप में 800 से अधिक लोगों की भीड़ ने सियालकोट में सरेआम हत्या कर दी थी और इस हत्या के समर्थन में मोहम्मद अदनान ने घटना के दो दिनों के बाद वीडियो बनाया था। कोर्ट ने उसे मामले में दोषी पाते हुए एक साल की जेल और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
पुलिस के मुताबिक अदनान ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया था। इस वीडियो में उसने कुमारा की हत्या और उनके शव को जलाए जाने की घटना का समर्थन किया था। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और गुजरांवाला आतंकरोधी अदालत में आरोपपत्र प्रस्तुत किया था।
बता दें कि प्रियंथा कुमारा सियालकोट की एक फैक्ट्री में प्रबंधक के पद थे। ईश निंदा की एक अफवाह के कारण नवंबर 2021 में 800 लोगों की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी। अफवाह में यह कहा गया था कि कुमारा ने फैक्ट्री की दीवार से एक इस्लामी कविता को प्रदर्शित करने वाले पोस्टर को फाड़कर ईशनिंदा की थी।
जब सैकड़ों की भीड़ उनपर हमला करने आई तो वे फैक्ट्री की छत पर छिप गए थे, लेकिन भीड़ उन्हें सड़क तक घसीटकर लेकर आई और उनकी बुरी तरह से पिटाई करने के बाद आग के हवाले कर दिया गया। भीड़ में कट्टर इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थक भी शामिल थे।
जैसे ही घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए, इस मामले ने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय आक्रोश पैदा कर दिया। घटना के बाद 900 लोगों के खिलाफ पहली जांच रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई थी।