Shubhanshu Shukla Earth Return: क्या है ‘डी-ऑर्बिट बर्न’?, कैसे करता है काम, जानें सबकुछ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 15, 2025 15:40 IST2025-07-15T15:40:11+5:302025-07-15T15:40:58+5:30
Shubhanshu Shukla Earth Return: शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम-4 के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर पहुंच गए हें। ड्रैगन अंतरिक्ष यान कैलिफ़ोर्निया में समुद्र में उतर गया है।

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Shubhanshu Shukla Earth Return: अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और वाणिज्यिक ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के उनके तीन अन्य साथी मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए। ड्रैगन ‘ग्रेस’ अंतरिक्ष यान दक्षिणी कैलिफोर्निया में सैन डिएगो के नजदीक समुद्र में उतरा। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन के प्रवास के बाद अंतरिक्ष यात्रियों ने पृथ्वी पर लौटने से पहले 22.5 घंटे की यात्रा की। शुक्ला, कमांडर पैगी व्हिटसन, तथा मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के स्लावोज़ उज्नान्स्की-विस्नीवस्की और हंगरी के टिबोर कापू को लेकर अंतरिक्ष यान सोमवार को भारतीय समयानुसार शाम 4:45 बजे अंतरिक्ष स्टेशन से अलग हो गया था। स्पेसएक्स ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ड्रैगन के उतरने की पुष्टि हो गई है - पृथ्वी पर आपका स्वागत है, @एस्ट्रोपेगी, शुक्स, @एस्ट्रो_स्लावोज़ और टिबी।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं पूरे देश के साथ शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट आए हैं।
#WATCH | In a historic moment, Group Captain Shubhanshu Shukla and the Axiom-4 crew aboard Dragon spacecraft splashes down in the Pacific Ocean after an 18-day stay aboard the International Space Station (ISS)
— ANI (@ANI) July 15, 2025
(Video Source: Axiom Space/YouTube) pic.twitter.com/qLAq2tyW5S
Prime Minister Narendra Modi tweets, "I join the nation in welcoming Group Captain Shubhanshu Shukla as he returns to Earth from his historic mission to Space. As India's first astronaut to have visited International Space Station, he has inspired a billion dreams through his… pic.twitter.com/vZzhOylyej— ANI (@ANI) July 15, 2025
Shubhanshu Shukla Earth Return: क्या है ‘डी-ऑर्बिट बर्न’?
अंतरिक्ष यान प्रशांत महासागर में उतरने से पहले एक संक्षिप्त ध्वनि विस्फोट के साथ अपने आगमन की घोषणा भी करेगा। अंतरिक्ष यान के पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करते ही भारतीय समयानुसार आज अपराह्न दो बजकर सात मिनट पर प्रशांत महासागर के ऊपर ‘डी-ऑर्बिट बर्न’ होने की उम्मीद है। जब कोई अंतरिक्ष यान पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा होता है और उसे वापस धरती पर लाना होता है।
#WATCH | Delhi: It is indeed a moment of pride for the world and a moment of glory for India because one of her sons is coming back with a successful voyage..." says Union MoS (Independent Charge) for Science and Technology and Space, Jitendra Singh as Group Captain Shubhanshu… pic.twitter.com/0URpeooiHm
— ANI (@ANI) July 15, 2025
तो उसकी गति को कम करना आवश्यक होता है ताकि वह कक्षा से बाहर निकलकर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सके। इसी गति को कम करने के लिए अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर्स (छोटे इंजन) को एक निश्चित समय और दिशा में दागा जाता है। इस प्रक्रिया को ही ‘डी-ऑर्बिट बर्न’ कहते हैं।
#WATCH | Axiom-4 Mission | Lucknow | On Group Captain Shubhanshu Shukla piloted Axiom 4 returns to Earth, his mother Asha Shukla says, "Excitement is endless and we are very proud. We were afraid at first... The upcoming generation should take inspiration and move ahead as… pic.twitter.com/bQPGAK6eO5
— ANI (@ANI) July 15, 2025
अंतिम तैयारियों में कैप्सूल के ट्रंक को अलग करना और वायुमंडल में प्रवेश से पहले ‘हीट शील्ड’ को अनुकूलित करना शामिल है, जिससे अंतरिक्ष यान लगभग 1,600 डिग्री सेल्सियस तापमान के संपर्क में आएगा। पैराशूट दो चरण में तैनात किए जाएंगे - पहले लगभग 5.7 किमी की ऊंचाई पर स्थिरीकरण पैराशूट, उसके बाद लगभग दो किमी की ऊंचाई पर मुख्य पैराशूट।
अंतरिक्ष यान को एक विशेष रिकवरी जहाज पर उतारा जाएगा, जहां से अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला जाएगा। एक्सिओम-4 के चालक दल की जहाज पर ही कई चिकित्सीय जांच की जाएंगी। इसके बाद वे तट पर आने के लिए एक हेलिकॉप्टर में सवार होंगे। चारों अंतरिक्ष यात्रियों को पुनर्वास में सात दिन बिताने पड़ सकते हैं।
क्योंकि उन्हें अंतरिक्ष की कक्षा में अनुभव की जाने वाली भारहीनता के विपरीत, गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में पृथ्वी पर जीवन के लिए खुद को ढालना होगा। चारों अंतरिक्ष यात्रियों ने सोमवार को एक दूसरे को गले लगाकर और हाथ मिलाकर अनडॉकिंग से लगभग दो घंटे पहले ड्रैगन अंतरिक्ष यान में प्रवेश किया, अपने स्पेससूट पहने और भारतीय समयानुसार अपराह्न 2:37 बजे अंतरिक्ष यान को आईएसएस से जोड़ने वाले हैच को बंद कर दिया।