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शंघाई सहयोग संगठनः सीमा पर तनाव, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा-रूस, भारत, चीन के मंत्री मास्को में करेंगे मुलाकात

By भाषा | Updated: September 9, 2020 21:04 IST

भारत और चीन, दोनों ही देश एससीओ के सदस्य हैं। रूस की राजधानी में बुधवार से बृहस्पतिवार तक हो रही एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के मेजबान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव हैं।

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ठळक मुद्देविदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिये चार दिनों के दौरे पर मास्को में हैं। वांग यी भी एससीओ के सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और आरआईसी विदेश मंत्रियों की दोपहर भोज पर एक बैठक में शामिल होंगे।तीनों देश के विदेश मंत्री द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अपने हित के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिये समय-समय पर बैठक करेंगे।

बीजिंगःरूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्री मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से अलग दोपहर भोज के दौरान एक बैठक करेंगे। चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।

विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिये चार दिनों के दौरे पर मास्को में हैं। भारत और चीन, दोनों ही देश एससीओ के सदस्य हैं। रूस की राजधानी में बुधवार से बृहस्पतिवार तक हो रही एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के मेजबान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव हैं।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी एससीओ के सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और आरआईसी विदेश मंत्रियों की दोपहर भोज पर एक बैठक में शामिल होंगे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। आरआईसी ढांचा के तहत तीनों देश के विदेश मंत्री द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अपने हित के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिये समय-समय पर बैठक करेंगे।

हालांकि, झाओ ने कहा कि वह आरआईसी विदेश मंत्रियों की बैठक के समय से अवगत नहीं हैं। एससीओ का गठन 2001 में शंघाई में एक सम्मेलन के दौरान रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने किया था। भारत और पाकिस्तान 2005 में पर्यवेक्षक राष्ट्र के तौर पर इसमें शामिल किये गये थे। दोनों देशों को 2017 में संगठन का पूर्ण सदस्य बनाया गया।

जयशंकर ने किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को यहां किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों एवं दोनों मध्य एशियाई देशों के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी और अधिक मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिये रूस के चार दिनों के दौरे पर मंगलवार को यहां पहुंचे थे। विदेश मंत्री जयशंकर ने आज की अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘किर्गिस्तान के विदेश मंत्री चिंगीज ऐदरबेकोव के साथ एससीओ से अलग एक सार्थक बैठक हुई। ’’ दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर ने कहा, ‘‘सभी क्षेत्रों में अपनी रणनीतिक साझेदारी और बढ़ाने पर सहमत हुए।’’

जयशंकर ने मध्य एशियाई देश से भारतीय नागरिकों के लौटने में सहयोग को लेकर उनका शुक्रिया अदा किया। एअर इंडिया ने लॉकडाउन के कारण अन्य देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को लाने के लिये वंदे भारत मिशन के तहत कई उड़ानें संचालित की थीं।

बिश्केक स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक, किर्गिस्तान में करीब 4,500 भारतीय छात्र विभिन्न मेडिकल संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं। बाद में जयशंकर ने कहा कि उन्होंने ताजिकिस्तान के अपने समकक्ष के सिरोजिद्दीन मुहरीद्दीन के साथ गर्मजोशी भरी बैठक की। विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे बढ़ते द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय सहयोग से खुश हूं। इस रणनीतिक साझेदारी को काफी महत्व देता हूं। ’’

टॅग्स :चीनरूसदिल्लीजयशंकरलद्दाखजम्मू कश्मीर
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