इस्लामाबाद:पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रक्षा दिवस के मौके पर पूर्व पीएम इमरान खान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो भी सेना और सियासत के बीच तकरार पैदा करने की कोशिश करता है वो न कभी मुल्क का दोस्त नहीं हो सकता और न खैरख्वाह हो सकता है।
पीएम शहबाज ने सेना को मंगलवार को भेजे अपने संदेश ने इमरान खान द्वारा हाल ही में भविष्य के सेना प्रमुख की नियुक्ति के बारे में दिए गए भाषण को निशाने पर लेने का प्रयास किया, जिसमें इमरान खान ने मौजूदा शरीफ सरकार की तीखी आलोचना करते हुए उसके आर्मी के साथ संबंधों को कटघरे में खड़ा किया था।
प्रधानमंत्री शरीफ ने बाढ़ की आपदा से लड़ रहे पाकिस्तान को इस समस्या से उबारने में सेना की ओर से की जा रही सहायता की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुल्क की सेना ने जिस राष्ट्रीय एकता की भावना से अभूतपूर्व बाढ़ से निपटने के लिए दिन रात काम किया है, वो काबिल-ए-तारीफ है। सेना ने बाढ़ के पानी में डूबे हुए देश के बड़े हिस्से से लाखों को लोगों को विस्थापित करने में भारी मदद की लेकिन दुख है कि उसके बावजूद बाढ़ के कारण एक हजार से अधिक लोगों को हम बचा नहीं सके।
शरीफ ने आगे कहा, "आज की तारीख में पाकिस्तान ऐतिहासिक बाढ़ और अन्य चुनौतियों से जूझ रहा है, हमें 1965 में भारत से मिली हार की कमजोर भावना को बुलाने की जरूरत है। राष्ट्रीय एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।"
इमरान खान द्वारा शहबाज सरकार और सेना के संबंधों पर बार-बार उठाये जा रहे सवाल पर तीखा तंज कसते हुए पीएम शरीफ ने कहा “कुछ लोग हमारी सेना और हमारे बीच नफरत की दीवार खड़ी करना चाहते हैं, मैं बड़े ही साफगोई से कहना चाहता हूं कि ऐसे इरादे रखने वाले इस मुल्क के खैरख्वाह नहीं हो सकते हैं।"
रक्षा दिवस समारोह में बोलते हुए उन्होंने मुल्क के शहीदों को याद किया और पाकिस्तान की निस्वार्थ सेवा और रक्षा के लिए शहीदों की सराहना की। प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि वतन के लिए जान कुर्बान करने वाले शहीदों के आज पूरा मुल्क सलाम करता है।
भाषण के अंत में प्रधानमंत्री शहबाद शरीफ ने कहा, "आज देश के विभिन्न हिस्सों में विनाशकारी बाढ़ का साया है, उसके मद्देनजर मुल्क एक बार फिर इस आपदा से लड़ने और उबरने के लिए सेना की ओर उम्मीद की निगाहों से देख रही है और सशस्त्र बलों के साथ मदद की मुहिम में एकजुट है।"