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जी-20 शिखर सम्मेलन में पुतिन की उपस्थिति को लेकर स्कॉट मॉरिसन ने जताई आपत्ति, कही ये बात

By मनाली रस्तोगी | Updated: March 24, 2022 13:56 IST

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। इस बीच इस साल नवंबर में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन इंडोनेशिया में होना है। ऐसे में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। इसी क्रम में जी-20 शिखर सम्मेलन में पुतिन की उपस्थिति को लेकर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन का बयान सामने आया है।

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ठळक मुद्देयूक्रेन में रूस के युद्ध का हवाला देते हुए मॉरिसन ने इसपर आपत्ति जताई है। 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन में मिलिट्री अभियान की घोषणा की थी।यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर कई देशों ने रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।

मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गुरुवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इस साल के जी20 शिखर सम्मेलन में अन्य विश्व नेताओं के साथ बैठने की अनुमति देना एक बहुत बड़ा निर्णय होगा। बता दें कि इंडोनेशिया में रूस के राजदूत ने इस हफ्ते बताया था कि इस साल के मेजबान जकार्ता द्वारा पुतिन को पहले ही नवंबर में जी20 राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया जा चुका है और उनका इरादा वहां रहने का है। 

हालांकि, मॉरिसन ने यूक्रेन में रूस के युद्ध का हवाला देते हुए इसपर आपत्ति जताई है। ऐसे में मॉरिसन ने कहा, "मुझे लगता है कि हमें कमरे में ऐसे लोगों की जरूरत है जो दूसरे देशों पर आक्रमण नहीं कर रहे हैं।" प्रधानमंत्री मॉरिसन ने ये भी कहा कि वह जी20 शिखर सम्मेलन में पुतिन की उपस्थिति के बारे में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ "सीधे संपर्क" में थे। मालूम हो, जी20 शिखर सम्मेलन अमेरिका, चीन, जापान और कुछ यूरोपीय देशों सहित दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है।

वहीं, मेलबर्न में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है। यह एक हिंसक और आक्रामक कार्रवाई है जो अंतरराष्ट्रीय कानून के शासन को तोड़ती है और व्लादिमीर पुतिन के साथ एक मेज के चारों ओर बैठने का विचार मेरे लिए एक बहुत बड़ा कदम है। मालूम हो, हाल ही में अमेरिका ने रूस को बाहर करने की संभावना जताई थी, जिसपर चीन की प्रतिक्रिया सामने आई थी। ऐसे में चीन ने रूस को जी20 का "महत्वपूर्ण सदस्य" बताया था और कहा था कि किसी भी सदस्य को दूसरे देश को निष्कासित करने का अधिकार नहीं है।

बताते चलें कि 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन में मिलिट्री अभियान की घोषणा की थी। ऐसे में रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को लगभग एक महीना पूरा होने वाला है। मगर इस युद्ध के रुकने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच कई देशों ने रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। इसी क्रम में ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को यूक्रेन को अधिक हथियार और मानवीय सहायता देने का वादा करते हुए रूस को एल्यूमिना और बॉक्साइट के सभी निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।

टॅग्स :रूस-यूक्रेन विवादScott Morrisonव्लादिमीर पुतिनइंडोनेशियाIndonesia
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