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Russia-Ukraine War: अमेरिका के इस फैसले से बज गई है तीसरे विश्वयुद्ध की घंटी! रूस को मिल जाएगा तबाही मचाने का बहाना

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: June 2, 2024 12:37 IST

अमेरिका और पश्चिमी देशों के इस निर्णय के बाद कि उनके दिए हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन रूस के अंदर हमला करने के लिए कर सकता है, तीसरे विश्वयुद्ध की घंटी बजती दिखाई दे रही है।

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ठळक मुद्देजैसे-जैसे युद्ध लंबा खिंच रहा है वैसे-वैसे यूक्रेन की ताकत खत्म हो रही हैपिछले महीने संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार दिए थेअब अमेरिका ने एक ऐसा निर्णय लिया है जो इस युद्ध को फिर से भड़का सकता है

Russia-Ukraine War: रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के 27 महीने पूरे हो चुके हैं। जैसे-जैसे युद्ध लंबा खिंच रहा है वैसे-वैसे यूक्रेन की ताकत खत्म हो रही है। यूक्रेन अब अपने पश्चिमी सहयोगियों से हथियार मांग रहा है। पहले गोला-बारूद, फिर टैंक, फिर क्लस्टर युद्ध सामग्री, फिर लड़ाकू जेट के बाद अब रूस से निपटने के लिए यूक्रेन को और अधिक मदद की जरूरत है। 

पश्चिम के देश और अमेरिका ने यूक्रेन की हर संभव सहायता भी की है। इन देशों ने यूक्रेन को हथियार तो दिए हैं लेकिन साथ ही ये शर्त भी रखी है कि इन हथियारों का इस्तेमाल रूस के अंदर हमले के लिए नहीं किया जाएगा। क्योंकि अगर ऐसा किया गया तो रूस की प्रतिक्रिया खतरनाक हो सकती है। पिछले महीने संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार दिए थे। लेकिन यूक्रेन उनका अपनी इच्छानुसार उपयोग नहीं कर पाया है। 

जैसे ही रूस ने इस महीने पूर्वोत्तर खार्किव क्षेत्र पर अपना हमला शुरू किया, अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के अंदर लक्ष्यों पर हमला करने के लिए अमेरिकी हथियारों का उपयोग करने से रोक दिया। लेकिन अब अमेरिका ने एक ऐसा निर्णय लिया है जो इस युद्ध को फिर से भड़का सकता है।  राष्ट्रपति जो बिडेन ने इस सप्ताह यूक्रेन को खार्किव के आसपास रूसी क्षेत्र में अमेरिकी हथियारों का उपयोग करके सीमित हमले करने की अनुमति दी है। इसके साथ कई यूरोपीय देशों ने भी इस पर प्रतिबंध हटा दिया है कि उनके दिए हथियारों का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

क्या बज गई है तीसरे विश्वयुद्ध की घंटी

अमेरिका और पश्चिमी देशों के इस निर्णय के बाद कि उनके दिए हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन रूस के अंदर हमला करने के लिए कर सकता है, तीसरे विश्वयुद्ध की घंटी बजती दिखाई दे रही है। अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा यूक्रेन को उनके हथियारों से रूस के भीतर हमले की छूट से अब रूस को यूक्रेन के शहरों और सरकारी इमारतों पर हमले का बहाना भी मिल जायेगा। अभी तक रूस ने मुख्य रूप से सैन्य ठिकानों पर ही हमले किए हैं। लेकिन अगर मदद में मिले हथियारों का इस्तेमाल करके यूक्रेन रूस के अंदर नुकसान करता है तो रूसी प्रतिक्रिया भयानक हो सकती है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह अपने देश की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से भी पीछे नहीं हटेंगे।

आशंका सिर्फ इतनी नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर रूस और यूरोप के अन्य देशों के बीच सीधा टकराव हुआ तो चीन भी ताइवान के खिलाफ मोर्चा खोल सकता है। इससे अमेरिका को दो मोर्चों पर फंसना पड़ सकता है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि चीनी और रूसी सेनाएँ उन निर्णयों को लागू करने के लिए तैयार हैं, जो दोनों देशों के नेताओं ने साझा घोषणा में निर्धारित किया है। यानी कि रूस और चीन मिलकर अमेरिका का सामना करने के लिए तैयार बैठे हैं।

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