लाइव न्यूज़ :

Russia-Ukraine War: खार्किव पर रूसी सेना ने पकड़ मजबूत की, 200 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा किया

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 18, 2024 14:16 IST

रूसी सेना ने यूक्रेन के उत्तरी खार्किव क्षेत्र में एक नया मोर्चा खोला है। अपने रिकॉर्ड पांचवें कार्यकाल में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने रक्षा मंत्रालय को सुव्यवस्थित करने और रूसी रक्षा उद्योगों का राष्ट्रीयकरण करने के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

Open in App
ठळक मुद्देयूक्रेन में रूसी सेना लगातार अपना सैन्य अभियान तेज करते जा रही हैरूसी सेना खार्किव क्षेत्र के इज़ियम जिले के बोरोवया गांव की ओर बढ़ गई है200 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को अपने कब्जे में ले चुकी है

Russia-Ukraine War:यूक्रेन में रूसी सेना लगातार अपना सैन्य अभियान तेज करते जा रही है और महत्वपूर्ण हिस्सों पर कब्जा कर रही है। रूसी समाचार एजेंसी तास ने बताया है कि यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को बढ़ाते हुए रूसी सेना खार्किव क्षेत्र के इज़ियम जिले के बोरोवया गांव की ओर बढ़ गई है। रूसी सेना अब तक 200 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को अपने कब्जे में ले चुकी है और  यूक्रेनी सशस्त्र बलों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है। 

खार्किव यूक्रेन का दूसरा बड़ा शहर है। अगर इस पर रूस का कब्जा होता है तो यूक्रेन की राजधानी कीव की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा उत्पन्न हो जाएगा। इन सबके बीच बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के एक बयान ने भी अमेरिका और यूरोप की चिंताएं बढ़ा दी हैं। लुकाशेंको ने कहा है कि  बेलारूसी सेना के साथ रूसी सैनिक सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण ले रहे हैं। 

रूसी सेना ने यूक्रेन के उत्तरी खार्किव क्षेत्र में एक नया मोर्चा खोला है। अपने रिकॉर्ड पांचवें कार्यकाल में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने रक्षा मंत्रालय को सुव्यवस्थित करने और रूसी रक्षा उद्योगों का राष्ट्रीयकरण करने के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पुतिन के इस कदम को नाटो के साथ संभावित संघर्ष के लिए दीर्घकालिक तैयारी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। 

दूसरी तरफ रूस से लंबे समय से जंग में उलझी यूक्रेनी सेना के पांव अब उखड़ने लगे हैं। यूक्रेनी सेना हथियारों की कमी का सामना भी कर रही है। अग्रिम मोर्चो पर रूस के आक्रामक हमले के कारण स्थिति खराब हो गई है। यूक्रेनी सेना को नए अमेरिकी हथियारों की बेहद जरूरत है। हालांकि इस बीच यूक्रेन को पश्चिमी देशों से कुछ मदद भी मिली है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। इटली ने  स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम और लंबी दूरी की स्टॉर्म शैडो मिसाइलें भेजी हैं। वहीं अमेरिका ने भी हथियारों की खेप रवाना की है। लेकिन रूसी सेना की कोशिश है कि जब तक अमेरिकी मदद यूक्रेन की सीमा तक पहुंचती है उससे पहले यूक्रेनी सेना को जितना पीछे धकेला जा सके उतना पीछे धकेल दिया जाए। 

टॅग्स :रूस-यूक्रेन विवादरूसयूक्रेनव्लादिमीर पुतिन
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

विश्व अधिक खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका