संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लिट्स्या ने सोमवार को दावा किया कि मरने से कुछ समय पहले एक रूसी सैनिक और उसकी मां के बीच संदेशों का आदान-प्रदान हुआ था। संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक आपातकालीन सत्र के दौरान किस्लिट्स्या ने उन मैसेजेस को पढ़ा जिसमें रूसी सैनिक ने कहा कि वो "सभी शहरों पर बमबारी कर रहे थे" और "यहां तक कि नागरिकों को भी निशाना बना रहे थे।"
इन संदेशों को पढ़ते हुए सर्गेई किस्लिट्स्या का एक वीडियो अमेरिकी केबल और सैटेलाइट टेलीविजन नेटवर्क C-SPAN द्वारा ट्वीट किया गया है, जिसमें उन्हें सैनिक के संदेशों का एक स्क्रीनशॉट पकड़े हुए और सभा के सदस्यों से त्रासदी की भयावहता की कल्पना करने का आग्रह करते हुए देखा जा सकता है। वहीं, वीडियो में सुना जा सकता है कि रूसी सैनिक की मां अपने बेटे से पूछती है कि उसे आखिरी बार जवाब दिए इतना समय क्यों लगा और क्या वह उसे पार्सल भेज सकती है।
इसपर सिपाही ने जवाब दिया, "मां, मैं यूक्रेन में हूं। यहां एक वास्तविक युद्ध छिड़ा हुआ है। मुझे डर लग रहा है। हम सभी शहरों पर एक साथ बमबारी कर रहे हैं। यहां तक कि नागरिकों को भी निशाना बना रहे हैं।" वो संदेश सामने आए हैं उसमें सैनिक अपनी मां से कहता है, "हमें बताया गया कि वे हमारा स्वागत करेंगे और वे हमारे बख्तरबंद वाहनों के नीचे गिर रहे हैं, खुद को पहियों के नीचे फेंक रहे हैं और हमें गुजरने नहीं दे रहे हैं। वे हमें फासिस्ट कहते हैं। माँ, यह बहुत कठिन है।"
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले सोमवार को यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा था, "रूस ने अपने सैनिकों से वादा किया था कि यूक्रेन में उनका स्वागत फूलों से किया जाएगा। रूस वर्षों से झूठ बोल रहा है कि कैसे यूक्रेन के अधिकारी यूक्रेनी लोगों को 'कैद' में रख रहे हैं। लेकिन यूक्रेन के लोग स्वतंत्र हैं और अपने हाथों से रूसी टैंकों को रोकने के लिए तैयार हैं।"
मॉस्को को मंगलवार को बढ़ते अलगाव का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि अभी तक राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण को रोकने का कोई संकेत नहीं दिखाया है, जहां भयंकर लड़ाई और रूसी बमबारी ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली और एक शरणार्थी संकट को जन्म दिया। बताते चलें कि रूस ने गुरुवार सुबह यूक्रेन की नाटो से बढ़ती निकटता पर महीनों के तनाव के बाद यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था।