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येवगेनी प्रिगोझिन की हवाई दुर्घटना में हुई मौत के बाद रूस को अब भी है वैगनर लड़ाकों की जरूरत, जानिए पूरा मामला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 25, 2023 15:29 IST

उप रक्षा मंत्री यूनुस-बेक येवकुरोव ने पूर्वी लीबिया के कमांडर खलीफा हफ्तार के साथ हुई बैठक में कहा कि वैगनर समूह के लड़ाके अब एक नए कमांडर को रिपोर्ट करेंगे।

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ठळक मुद्देवैगनर समूह के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन के विमान हादसे में मारे जाने के बाद हुआ बड़ा खुलासा रूस के उप रक्षा मंत्री ने कहा कि वैगनर समूह के लड़ाके अब एक नए कमांडर को रिपोर्ट करेंगेरूसी अधिकारी ने कहा कि वैगनर लड़ाके लीबिया में रहेंगे लेकिन उन पर मास्को का नियंत्रण होगा

मास्को/वाशिंगटन:रूस में वैगनर समूह के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन के विमान दुर्घटना में मारे जाने के बाद एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार एक रूसी अधिकारी ने अपने सहयोगियों को आश्वस्त करने के लिए लीबिया का दौरा किया था और कहा था कि वैगनर समूह के लड़ाके लीबिया में रहेंगे लेकिन उन पर मास्को का पूरा नियंत्रण होगा।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार इस बैठक की जानकारी रखने वाले लीबिया के एक अधिकारी ने कहा कि राजधानी बेंगाजी में रूसी उप रक्षा मंत्री यूनुस-बेक येवकुरोव ने बीते मंगलवार को पूर्वी लीबिया के कमांडर खलीफा हफ्तार के साथ हुई बैठक में कहा कि वैगनर समूह के लड़ाके अब एक नए कमांडर को रिपोर्ट करेंगे।

रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट के लीबिया शोधकर्ता जलेल हरचौई ने कहा, "येवकुरोव की यात्रा से पता चलता है कि लीबिया में एक बार फिर रूस के साथ संबंधों को कम करन की बजाय गहरा हो रहा है।"

विमान हादसे में मारे गये प्रिगोझिन द्वारा जून में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ वैगनर समहू की विफल विद्रोह के बाद एक सैन्य बैठक में इस बात के संकेत मिले थे कि मॉस्को इस बगावत के बावजूद वैगनर समूह द्वारा बनाए गए वैश्विक नेटवर्क को छोड़ने को तैयार नहीं है।

अब जब प्रिगोझिन को मृत मान लिया गया है तो वैगनर और उसके द्वारा पूरे यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका में रूस के लिए बनाए गए सैन्य और वाणिज्यिक अभियान अधर में लटक गये हैं।

वैगनर ने यूक्रेन में बड़ी लड़ाइयां लड़ीं और उसने सीरिया, लीबिया, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य और माली में गृह युद्ध और विद्रोह में भी लड़ाई लड़ी और सोने की खदानों के साथ तेल क्षेत्रों पर भी कब्ज़ा किया था।

पुतिन ने पहले ही सीरिया में वैगनर ऑपरेशन शुरू कर दिया था। लेकिन प्रिगोझिन की विद्रोह के बाद पुतिन ने वैगनर को यूक्रेन युद्ध से हटाकर उसे रूस की नियमित सेना को सौंप दिया था और बेलारूस में एक सेना शिविर में उन्हें भेजना शुरू कर दिया था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कितने सैनिक अभी बेलारूस में हैं।

माना जा रहा है कि वैगनर नए प्रबंधन के तहत अफ्रीका में कमोबेश बरकरार रह सकता है या किसी अन्य रूसी भाड़े के समूह में शामिल हो सकता है लेकिन उन जगहों पर काम करने की वैगनर की क्षमता के बारे में अभी तक मॉस्को की कोई औपचारिक या कानूनी जानकारी नहीं साझा की गई है। जिसे सीधे तौर पर क्रेमलिन विदेश नीति की एक ठोस नीति कही जाती है।

यूएस के एक शोधकर्ता जॉन लेचनर ने, जो प्रिगोझिन के बारे में एक किताब लिख रहे हैं। उन्होंने कहा. "वैगनर एक चालू संस्था है। वह अनुबंध पर है। रूस के लिए यह एक व्यवसाय है, जिसे जारी रखना उनकी जरूरत है।"

उन्होंने कहा, "रूसी विश्वसनीयता के नजरिए से वैगनर अब भी यह दिखाने की कोशिश करेंगे कि चीजें सामान्य रूप से चल रही हैं और वो अब भी रूस के साथ भागीदार हैं।"

टॅग्स :रूसMoscowरूस-यूक्रेन विवादव्लादिमीर पुतिन
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