व्लादिमीर पुतिन ने बड़े अंतर से जीता चुनाव, चौथी बार बने रूस के राष्ट्रपति
By कोमल बड़ोदेकर | Published: March 19, 2018 03:46 AM2018-03-19T03:46:17+5:302018-03-19T03:46:17+5:30
पुतिन को 75 फीसदी से भी अधिक मतदान हासिल हुए। उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे मुख्य विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी महज 24 फीसदी मतदान ही हासिल कर सके।
मास्को, 19 मार्च। रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में व्लादिमीर पुतिन ने बड़े अंतर के साथ जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही पुतिन चौथी बार रूस के राष्ट्रपति बने। पुतिन को 75 फीसदी से भी अधिक मतदान हासिल हुए। उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे मुख्य विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी महज 24 फीसदी मतदान ही हासिल कर सके। रूस के राष्ट्रपति चुनाव में कुल 8 उम्मीदवार थे लेकिन शुरू से ही माना जा रहा था कि यह चुनाव एकतरफा होगा।
इससे पहले केंद्रीय चुनाव समिति ने बताया कि 30% मतपत्रों की गणना के बाद व्लादिमीर पुतिन को 73% मत मिले थे। बड़े स्तर पर लोगों ने मतदान किया है। वहीं विपक्ष इस चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगा रहा है।
इससे पहले एक एग्जिट पोल के सर्वेक्षण में पुतिन की जीत की भविष्यवाणी पहले ही कर दी गई थी। एग्जिट पोल के मुताबिक व्लादिमिर पुतिन 73.9 फीसदी वोटों के साथ चौथी बार देश के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने जा रहे हैं। रूस के करीब 1200 मतदान केंद्रों से आंकड़ों को जुटाकर किए गए इस एग्जिट पोल में कम्यूनिस्ट उम्मीदवार पावेल ग्रुडिनिन को 11.2 फीसदी वोटों के साथ दूसरे स्थान पर दिखाया गया है।
वीटीएसआईओएम ने एक बयान में कहा कि वोट देने वाले 37 फीसदी से ज्यादा लोगों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि उन्होंने किसे वोट दिया। ज्यादातर लोगों ने कहा कि उन्होंने पुतिन को वोट दिया। उन्होंने सोवियत संघ के विघटन के बाद की नाजुक स्थिति से देश को निकालने को लेकर उनकी सराहना की। कई मतदान केंद्रों पर त्यौहारों जैसा माहौल था।
पुतिन साल 2000 में पहली बार राष्ट्रपति चुने गए थे। इस लिहाज से देखा जाए तो वे रूस में लगातार 18 सालों से सत्ता पर काबिज है। विपक्ष हमेशा से इस बात का आरोप लगाता रहा है कि उन्होंने विपक्ष की आवाज को दबा दिया है और टेलीविजन पर सरकारी नियंत्रण करने के साथ ही विदेशों में रूस के दर्जे को दोबारा स्थापित कर दुनिया के सबसे बड़े देश पर अपना पूरा अधिकार कायम कर लिया है।
बता दें कि रूस के संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति दो बार से ज्यादा बार राष्ट्रपति नहीं चुना जा सकता लेकिन पुतिन ने जब राष्ट्रपति बनने में दिलचस्पी दिखाई तो फिर यहां के संविधान में संशोधन किया गया। रूस के नए संविधान में 2 बार से ज्यादा राष्ट्रपति बनने की सीमा को खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही राष्ट्रपति कार्यकाल को 4 से बढ़ाकर 6 साल किया गया है।