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रेल नेटवर्क से जुड़ेंगे रूस और ईरान, स्वेज नहर की टक्कर में नया व्यापारिक मार्ग बनाना चाहते हैं पुतिन

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 17, 2023 15:42 IST

रूस और ईरान के बीच बनने वाले रश्त-अस्तारा रेलवे को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग के रूप में देखा जा रहा है। इस व्यापारिक मार्ग का उद्देश्य भारत, ईरान, रूस, अजरबैजान और अन्य देशों को रेलवे और समुद्र के माध्यम से जोड़ना है। पूरी तरह तैयार हो जाने के बाद यह मार्ग एक प्रमुख वैश्विक व्यापार मार्ग के रूप में स्वेज नहर को टक्कर दे सकता है।

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ठळक मुद्देरूस और ईरान के बीच जल्द ही रेल के माध्यम से व्यापार शुरू हो सकता हैदोनों देशों के बीच रेल नेटवर्क बनाने पर हुआ समझौताप्रमुख वैश्विक व्यापार मार्ग के रूप में स्वेज नहर को टक्कर देने की को कोशिश

नई दिल्ली: रूस और ईरान के बीच जल्द ही रेल के माध्यम से व्यापार शुरू हो सकता है।  रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके ईरानी समकक्ष इब्राहिम रईसी ने बुधवार, 17 मई को वीडियो-लिंक के माध्यम से एक प्रारंभिक अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर के हिस्से के रूप में ईरानी रेलवे लाइन के वित्तपोषण और निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

रश्त-अस्तारा रेलवे को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग के रूप में देखा जा रहा है। इस व्यापारिक मार्ग का उद्देश्य भारत, ईरान, रूस, अजरबैजान और अन्य देशों को रेलवे और समुद्र के माध्यम से जोड़ना है। पूरी तरह तैयार हो जाने के बाद यह मार्ग एक प्रमुख वैश्विक व्यापार मार्ग के रूप में स्वेज नहर को टक्कर दे सकता है।

समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा,  "अद्वितीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा, जिसका रश्त-अस्तारा रेलवे एक हिस्सा बन जाएगा, वैश्विक यातायात प्रवाह में काफी विविधता लाने में मदद करेगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि कैस्पियन सागर तट के साथ 162 किमी (100 मील) रेलवे बाल्टिक सागर पर रूसी बंदरगाहों को हिंद महासागर और खाड़ी में ईरानी बंदरगाहों से जोड़ने में मदद करेगा। इस मौके पर ईऱानी राष्ट्रपति रईसी ने कहा,  "इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह समझौता तेहरान और मास्को के बीच सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक कदम है।"

दरअसल रूस और ईरान दोनों देशों पर अमेरिका और पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगा रखे हैं जिससे उनका व्यापार प्रभावित होता है। ईरान को पश्चिम द्वारा बहिष्कृत कर दिया गया है और इसकी अर्थव्यवस्था असंख्य प्रतिबंधों से अपंग हो गई है। ईरान मध्य पूर्व के तेल भंडार का लगभग एक चौथाई हिस्सा रखता है। वहीं यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर लगे प्रतिबंधों के कारण उसकी अर्थव्यवस्था को भी नुसकान पहुंचा है।

बता दें कि स्वेज नहर दुनिया के सबसे व्यस्ततम समुद्री मार्गों में से एक है। पूरी दुनिया में होने वाले समुद्री कारोबार का 12 फीसदी आवागमन इसी नहर से होता है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 19,000 पोत इस नहर से होकर गुजरे थे। इस नहर से दुनिया का करीब 10 प्रतिशत व्यापार होता है। यह जलमार्ग तेल के परिवहन के लिए अहम है। अगर रूस और ईरान रेल नेटवर्क से जुड़ जाते हैं तो स्वेज व्यापरिक मार्ग की अहमियत में कमी आएगी।

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