जिम्बॉब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का 95 साल की उम्र में निधन, तानाशाही रवैये के लिए किया जाएगा याद!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 6, 2019 10:55 AM2019-09-06T10:55:36+5:302019-09-06T11:38:45+5:30
जिम्बॉब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया है। वो 95 वर्ष के थे। एक वक्त पर उन्हें जिम्बॉब्वे देश का पर्याय माना जाता रहा।
जिम्बॉब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया है। वो 95 वर्ष के थे। एक वक्त पर उन्हें जिम्बॉब्वे देश का पर्याय माना जाता रहा। देश की आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के बाद उन्होंने 37 वर्षों तक देश में शासन किया। उन्हें पद से हटाने के लिए देशभर में आंदोलन किया गया था। उनके तानाशाही फैसलों ने देश की अर्थव्यवस्था और सेना का काफी नुकसान किया था। सन् 2000 के जनमत संग्रह और 2008 के राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा था।
37 वर्षों तक शासन करने के बाद रॉबर्ट मुगाबे ने 2017 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने चिट्ठी लिखकर कहा था कि उन्होंने अपनी मर्जी से ये फैसला लिया है। उन्होंने ये फैसला उस वक्त लिया गया जब संसद के दोनों सदनों में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा हो रही थी। इससे पहले रॉबर्ट मुगाबे ने राष्ट्रपति का पद छोड़ने से इनकार कर दिया था। रॉबर्ट मुगाबे 1980 से ज़िम्बाब्वे की स्वतंत्रता के बाद से ही सत्ता में थे।
मुगाबे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का खामियाजा जिम्बॉब्वे की क्रिकेट टीम को भी चुकाना पड़ा। जब 2003 विश्वकप के दौरान जिम्बॉब्वे के एंडी फ्लावर और हेनरी ओलांगा ने काली पट्टी पहनकर मुगाबे की दमनकारी नीतियों का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि देश में लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ ये उनका विरोध प्रदर्शन है। इसके बाद सरकार ने इन दोनों खिलाड़ियों के क्रिकेट खेलने पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था।