लाइव न्यूज़ :

सुरक्षा परिषद में एक देश को अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दिया जाना अफसोसजनक: चीन

By भाषा | Updated: August 17, 2021 01:26 IST

Open in App

चीन ने अपने सहयोगी देश पाकिस्तान का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि भारत की अध्यक्षता में अफगानिस्तान पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में अफगानिस्तान के पड़ोसी देश को बोलने की अनुमति नहीं दिया जाना ''अफसोसजनक'' है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दूत मुनीर अकरम ने आरोप लगाया है कि अफगानिस्तान के मामले पर भारत की अध्यक्षता में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया। पाकिस्तान के इस दावे का समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप राजदूत गेंग शुआंग ने कहा, '' परिषद के कुछ सदस्यों ने अपने बयान में कहा कि वे यह देखना चाहते हैं कि अफगानिस्तान के पड़ोसी इस मामले में बड़ी भूमिका निभाएं। हमें पता चला कि कुछ क्षेत्रीय देशों और अफगानिस्तान के पड़ोसियों ने आज की बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया था। यह अफसोसजनक है कि उनके अनुरोधों को स्वीकार नहीं किया गया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

विश्व'UNSC में सुधार कोई विकल्प नहीं, बल्कि ज़रूरत है': आईबीएसए की मीटिंग में पीएम मोदी बोले

भारतUNSC: कश्मीरी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भ्रम फैला रहा पाकिस्तान, भारत ने UN में दिखाया पाक को आईना

भारत'आतंकवादी हमलों में मारे गए 20,000 भारतीय...', UN में भारत ने पाकिस्तान को किया एक्सपोज

विश्वसंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान की हुई फजीहत, भारत-पाक तनाव पर बिना किसी निर्णय के मीटिंग खत्म

भारतपहलगाम हमले के बाद आज होगी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पहली बैठक, पाकिस्तान-भारत के तनाव के बीच बंद कमरे में होगी बातचीत

विश्व अधिक खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका