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Pushpa Kamal Dahal: पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने नेपाल के 44वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, 30 दिन के भीतर विश्वास मत साबित करेंगे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 26, 2022 16:42 IST

Pushpa Kamal Dahal: राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने रविवार को संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के तहत प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। राष्ट्रपति भंडारी सोमवार को दोपहर में शीतल निवास में आयोजित एक आधिकारिक समारोह में पूर्व गुरिल्ला नेता प्रचंड को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 

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ठळक मुद्दे 30 दिन के भीतर निचले सदन में विश्वास मत साबित करना होगा।275-सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 168 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।भारत और चीन ने सोमवार को नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ''प्रचंड'' को बधाई दी।

काठमांडूः पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने नेपाल के 44वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। सोमवार को तीसरी बार शपथ दिलाई गई। हिमालयी राष्ट्र में चली आ रही लंबी राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त हो गई। सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष प्रचंड (68) ने सदन के 169 सदस्यों के समर्थन से सरकार गठन का दावा पेश किया था।

पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को सोमवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप शपथ ली। एक दिन पहले राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। पूर्व गुरिल्ला नेता प्रचंड (68) ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 169 सदस्यों का समर्थन दिखाते हुए राष्ट्रपति को एक पत्र सौंपा था, जिसके बाद उन्हें देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।

शीतल निवास में हुए एक आधिकारिक समारोह में राष्ट्रपति भंडारी ने प्रचंड को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। ग्यारह दिसंबर, 1954 को पोखरा के निकट कास्की जिले के धिकुरपोखरी में जन्मे प्रचंड करीब 13 साल तक भूमिगत रहे। वह उस वक्त मुख्यधारा की राजनीति में शामिल हो गए जब सीपीएन-माओवादी ने एक दशक लंबे सशस्त्र विद्रोह का रास्ता त्यागकर शांतिपूर्ण राजनीति का मार्ग अपनाया।

उन्होंने 1996 से 2006 तक एक दशक लंबे सशस्त्र संघर्ष का नेतृत्व किया था, जो अंततः नवंबर 2006 में व्यापक शांति समझौते पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुआ। प्रतिनिधि सभा में 89 सीटों के साथ नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है जबकि सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन-एमसी के पास क्रमशः 78 व 32 सीटें हैं।

भारत और चीन ने सोमवार को नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ''प्रचंड'' को बधाई दी। प्रचंड (68) ने आश्चर्यजनक रूप से देउबा की पार्टी नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग होकर रविवार को राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित समय सीमा समाप्त होने से पहले सरकार गठन का दावा पेश किया था, जिसके बाद राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को प्रचंड को बधाई दी। मोदी ने ट्वीट किया, “नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर पुष्प कमल दहल प्रचंड को हार्दिक बधाई। भारत और नेपाल के बीच अद्वितीय संबंध लोगों के बीच गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव और गर्मजोशी पर आधारित हैं। मैं इस दोस्ती को और मजबूत बनाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं।”

चीन ने भी प्रचंड को नेपाल का 44वां प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने पर बधाई दी है। काठमांडू स्थित चीन दूतावास के प्रवक्ता ने रविवार शाम प्रचंड की प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति के तुरंत बाद ट्वीट किया, “नेपाल के 44वें प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति के लिए प्रचंड (पुष्प कमल दहल) को हार्दिक बधाई।”

भारत और चीन के राजदूतों ने भी प्रचंड को प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त होने पर बधाई दी। प्रचंड के एक सहयोगी ने बताया कि नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव और चीनी राजदूत वांग शिन ने प्रचंड को फोन किया और उन्हें बधाई दी। दोनों राजदूतों ने उम्मीद जताई कि प्रचंड के कार्यकाल में द्विपक्षीय सहयोग और मजबूत होगा।

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