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नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली का चीनी राजदूत को सख्त संदेश, मेरी पार्टी-पॉलिटिक्स से दूर रहें

By अनुराग आनंद | Updated: November 28, 2020 15:46 IST

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा है कि कोई भी बाहरी देश मेरी पार्टी-पॉलिटिक्स से दूर रहें।

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ठळक मुद्देनेपाल एक बार फिर से भारत के साथ अपने रिश्ते को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है। इसी साल जुलाई में केपी शर्मा ओली की कुर्सी बचाने के लिए चीनी राजदूत एक्टिव हो गई थी।

नई दिल्ली:नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और चीनी राजदूत के बीच की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। लेकिन, अब हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के हवाले से यह बात सामने आ रही है कि नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने चीनी राजदूत को शख्त शब्दों में संदेश दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, केपी शर्मा ओली ने बीते सप्ताह चीनी राजदूत होउ यान्की को साफ शब्दों में संकेत देते हुए कहा है कि वह दूसरे देशों की बिना कोई मदद लिए भी अपनी पार्टी के भीतर चुनौतियों को संभालने में सक्षम हैं। यही नहीं इस बयान के माध्यम से एक तरह से केपी ओली ने चीनी राजदूत के लिए देश की राजनीति में हस्तक्षेप को रोकने के लिए एक लक्ष्मण रेखा भी बना दी है। इस रेखा को पार नहीं करने की शख्त चेतावनी भी दी गई है।  

केपी शर्मा ओली ने कहा है कि कोई भी बाहरी देश मेरी पार्टी-पॉलिटिक्स से दूर रहें। बता दें कि नेपाल के पीएम द्वारा चीनी राजदूत को चेतावनी देने वाली बात केपी ओली के साथ काम करने वाले एक बड़े अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर मीडिया से कही है।

केपी ओली का चीनी राजदूत को दिए गए इस शख्त संदेस के बात ऐसे समय में मीडिया में आई है, जब नेपाल एक बार फिर से भारत के साथ अपने रिश्ते को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है। 

इसी साल जुलाई में केपी शर्मा ओली की कुर्सी बचाने के लिए चीनी राजदूत एक्टिव हो गई थी-

बता दें कि इसी साल जुलाई माह में इस्तीफे के लिए दबाव का सामना कर रहे प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली का पद बचाने के लिए चीनी राजदूत ने सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कई नेताओं के साथ बातचीत की थी। ओली को चीन की तरफ झुकाव रखने के लिए जाना जाता है।

होउ यांकी ने पिछले दिनों एनसीपी के शीर्ष नेता और पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खनाल से बातचीत की थी। सत्तारूढ़ दल के नेताओं के साथ चीनी राजदूत की सिलसिलेवार बैठक को कई नेताओं ने नेपाल के आंतरिक राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप बताया था। इसके बाद से ही ओली और चीनी राजदूत होउ यांकी की दोस्ती की बात सामने आ रही थी।

होउ यांकी के नेपाल की राजनीति में हस्तक्षेप के बाद उठे विरोध के स्वर

जैसे ही जुलाई में केपी शर्मा ओली की कुर्सी बचाने के लिए नेपाल के आंतरिक मामलों में चीनी राजदूत होउ यांकी ने दखलअंदाजी शुरू की। इसके बाद चीनी राजदूत के खिलाफ दर्जनों छात्रों ने चीनी दूतावास के सामने प्रदर्शन किया था। मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई नेपाल स्टूडेंट्स यूनियन के कार्यकर्ताओं ने दूतावास के सामने प्रदर्शन किया था।

प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि किसी भी तरह से नेपाल की राजनीति में दूसरे देश के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा। चीनी राजदूत का यहां की राजनीति में दखलअंदाजी करना किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जाएगा।

टॅग्स :नेपालकेपी ओलीचीन
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