न्यूयार्कः यूएनजीए में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा कि अफगानिस्तान की नाजुक स्थिति का कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश न करे। इस समय अफगानिस्तान के लोगों को मदद की जरूरत है, इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 7 वर्षों में भारत में 43 करोड़ से ज्यादा लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया है। 36 करोड़ से अधिक ऐसे लोगों को बीमा कवच मिला है जो पहले इस बारे में सोच भी नहीं सकते थे। 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त इलाज का लाभ देकर उन्हें क्वालिटी हेल्थ से जोड़ा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गत डेढ़ वर्ष से पूरा विश्व, 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रहा है। ऐसी भयंकर महामारी में जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं और परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
जानिए बड़ी बातें...(TOP POINTS)
मैं एक ऐसे देश का प्रतिनिधित्व करता हूं, जिसे ‘लोकतंत्र की जननी’ के रूप में जाना जाता है।
अगर संयुक्त राष्ट्र को खुद को प्रासंगिक बनाए रखना है, तो इसे अपनी प्रभावकारिता में सुधार करना होगा, अपनी विश्वसनीयता को बढ़ाना होगा।
यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकवादी हमलों के लिये नहीं हो।
आज दुनिया के सामने प्रतिगामी सोच और उग्रवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है।
जब भारत आगे बढ़ेगा, तो दुनिया का विकास होगा। जब भारत में सुधार होगा, तब दुनिया में बदलाव होगा।
भारत ने दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन विकसित किया है, जिसे 12 साल से ऊपर के सभी व्यक्ति को दिया जा सकता है।
नियम-आधारित विश्व व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक स्वर में बोलना चाहिए।
भारत जीवंत लोकतंत्र का सबसे बड़ा उदाहरण है, हमारा लोकतंत्र अपनी विविधता से पहचाना जाता है।
लोकतंत्र हजारों वर्षों से भारत की महान परंपरा रही है।
इस समय अफगानिस्तान के लोगों, महिलाओं और बच्चों, वहां रह रहे अल्पसंख्यकों को मदद की जरूरत है, हमें अपनी जिम्मेदारी को पूरा करना चाहिये।
पिछले 1.5 वर्षों में, पूरी दुनिया 100 वर्षों में सबसे भीषण महामारी का सामना कर रही है।
15 अगस्त को भारत ने आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया।
हमारी विविधता ही हमारे मजबूत लोकतंत्र की पहचान है।
विकास सर्व-समावेशी, सार्वभौम और सभी का पोषण करने वाला होना चाहिए।
जब भारत सुधार करता है तो दुनिया बदल जाती है।
हमारी प्राथमिकता है कि विकास सर्व समावेशी, सर्वव्यापक, सार्वभौम और सभी का पोषण करने वाला हो।
आज, मैं दुनिया भर के सभी वैक्सीन निर्माताओं को भारत में वैक्सीन बनाने का निमंत्रण देता हूं कोरोना महामारी ने दुनिया को सिखाया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को अब और अधिक विविधतापूर्ण होना चाहिए प्रतिगामी सोच के साथ-साथ जो देश आतंकवाद को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है।